अमेठी।
जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि फसल अवशेष को जलाने से रोकने के लिए चिन्हित ग्राम पंचायतों में तथा सामान्य रूप से ऐसे सभी ग्राम पंचायतों में जिनमें पूर्व में कृषि अपशिष्ट जलाने की घटनाएं घट चुकी हैं अथवा जिन ग्राम पंचायतों में संभावित हैं उनमें व्यापक प्रशिक्षण एवं प्रचार प्रसार के माध्यम से फसल अवशेष न जलाने से जैविक पदार्थ खेतों में मिलेंगे व उनके खेतों में जीवाश्म पदार्थ की बढ़ोतरी होगी। जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग, कृषि विभाग, विकास विभाग तथा पुलिस विभाग के कार्मिकों को निर्देशित करते हुए कहा कि पराली अपशिष्ट जलाने से मिट्टी जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानि से पराली जलाने वाले के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से रोकथाम हेतु कंट्रोल रूम नंबर 05368-244139 स्थापित है जिस पर किसी भी समय अपनी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। उन्होंने समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निवास करेंगे तथा बिना पूर्व सूचना/अनुमति के अनुपस्थित नहीं होंगे यदि बिना किसी पूर्व सूचना/अनुमति के कोई भी अधिकारी/कर्मचारी अनुपस्थित पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कठोरतम अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी, इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।
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