लखनऊ
उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर सपा और बसपा के बीच तल्खी बढ़ गई है। बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को बागी हुए सात विधायकों को पार्टी से निकाल दिया है। मायावती ने कहा कि इन विधायकों की विधानसभा की भी सदस्यता रद्द करवाने के लिए भी अपील करेंगे। सपा प्रमुख पर आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा की पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का अखिलेश यादव ने फोन तक नहीं उठाया। सपा ने मेरे खिलाफ बहुत बड़ी साजिश रची थी, एसपी के साथ जो गठबंधन का फैसला था, वह पूर्णतया गलत था। मायावती ने ऐलान किया कि आगामी एमएलसी के चुनाव में उनकी पार्टी और विधायक भाजपा का समर्थन करेंगे। जिससे सपा को साजिश करने का उन्हें फल मिल सके।
मायावती ने गेस्ट हाउस कांड याद किया, कहा- पिता की राह पर चल रहे अखिलेश
राज्यसभा के नामांकन पत्रों की जांच के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह और मुखिया अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सपा से गठबंधन का फैसला हमारा गलत था। सपा परिवार के अंदर लड़ाई थी, जिसकी वजह से गठबंधन कामयाब नहीं हुआ। सपा सरकार में मेरी हत्या का षड्यंत्र किया गया था। सपा से गठबंधन के दौरान गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा वापस लेने का फैसला हमारी बड़ी गलती थी। एमएलसी के चुनाव में समाजवादी पार्टी को बसपा जवाब देगी। अखिलेश यादव के पिता ने भी हमारे विधायक तोड़े थे, जिनकी राह पर अखिलेश यादव चल रहे हैं।
रामगोपाल यादव से बात होने के बाद प्रत्याशी उतारा
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सपा की बहुत बुरी हार होगी, पिता की तरह अखिलेश गलत रास्ते पर चल रहे हैं। अखिलेश यादव ने महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का फोन नहीं उठाया। सतीश चंद्र मिश्रा के द्वारा अखिलेश यादव के निजी सचिव को भी फोन किया गया, तब भी उन्होंने बात नहीं कराई। तब सतीश चंद्र मिश्रा ने रामगोपाल यादव से फोन पर बात करने के बाद अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है। इनका दलित विरोधी चेहरा हमें कल राज्यसभा के पर्चों के जांच के दौरान देखने को मिला। जिसमें सफल न होने पर ये 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' की तरह पार्टी जबरदस्ती बसपा पर भाजपा के साथ सांठगांठ करके चुनाव लड़ने का गलत आरोप लगा रही है।
दलित विरोधी चेहरा सामने आया, ब्राह्मणों का भी किया अपमान
मायावती ने कहा कि, अगर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अपनी पत्नी का नामांकन कराते, तब शायद हम अपना प्रत्याशी ना उतारते। एसपी का दलित विरोधी चेहरा राज्यसभा के चुनाव में सामने आ गया। नामांकन से पहले एसपी से बात करने की कोशिश की गई थी, लेकिन उन्होंने बात नहीं की। बसपा के विधायकों के साथ मिलकर तोड़ मरोड़ कर एक बड़ी साजिश रची गई। अखिलेश ने ब्राह्मण समाज का बड़ा अपमान किया है सतीश चंद्र मिश्रा का फोन नहीं उठाकर। हमारी पार्टी एमएलसी के चुनाव में समाजवादी पार्टी को हराने के लिए कोई भी कदम उठाएगी।
इन विधायकों ने की थी बगावत
नाम | कहां से विधायक |
असलम राइनी | भिनगा (श्रावस्ती) |
असलम अली | ढोलाना (हापुड़) |
हर गोविंद भार्गव | सिधौली (सीतापुर) |
मुज्तबा सिद्दीकी | प्रतापपुर (प्रयागराज) |
हाकिम लाल बिंद | हांडिया (प्रयागराज) |
सुषमा पटेल | मुंगरा बादशाहपुर (जौनपुर) |
वंदना सिंह | सगड़ी (आजमगढ़) |
क्या हुआ था, जिसके बाद बसपा से निलंबित हुए सात विधायक
बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच में बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम का नामांकन पत्र सही और सपा समर्थित प्रकाश बजाज का नामांकन रद्द हो गया था। लेकिन उससे पहले बसपा से बागी हुए 7 में से चार विधायकों ने यह आरोप लगाते हुए निर्वाचन अधिकारी को एफिडेविट दिया था कि हस्ताक्षर उनके नहीं है। विधायकों के बगावती तेवर दिखाने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई। कुछ ही देर बाद विधायक सपा कार्यालय में अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गए। बुधवार को अखिलेश यादव से मिलने वाले बसपा के विधायकों में पार्टी से बर्खास्त किए गए सात विधायक शामिल थे। मायावती ने पार्टी गतिविधियों में लिप्त होने की वजह से सातों विधायकों को पार्टी से निलंबित किया है।
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