अमेठी।
०पर्सनल लोन के लिये नही है एक समान नियम
सरकारी कार्यों में पारदर्शिता एवं व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए सरकार ने नागरिकों के लिए जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 लागू किया ।लेकिन बैंक कर्मचारी समय से सूचना ना देकर जन सूचना अधिकार की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
मामला भारतीय स्टेट बैंक अमेठी का है। जहां पर सैलरी अकाउंट खाता धारक 30 52 56 30228 ने जनसूचना के तहत सैलरी एकाउंट पर मिलने वाली सुविधाओं तथा पर्सनल लोन लेने पर प्रोसेसिग फीस संबधी सूचनाएं 23/09/2020 को रजिस्टर्ड डाक से प्रेषित किया था ।जिसमें कुल 4 बिंदुओं पर जानकारी माँगी थी।लेकिन एक माह की समय 23/10/2020 सीमा पूर्ण हो गयी ।लेकिन शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक आशीष त्रिपाठी द्वारा अभी तक सूचनायें नही दी गयी।भारतीय स्टेट बैंक के जनसूचना अधिकारी जबन सूचनाधिकार 2005 कि पूरी तरह से धज्जियां उड़ा रहे हैं।भारतीय स्टेट बैंक अमेठी के परिसर में कहीं भी जनसूचना अधिकारी का पता व प्रथम अपीलीय अधिकारी का पता नहीं लिखा गया है जबकि सरकार का स्पष्ट आदेश है कि प्रत्येक विभाग के सामने पारदर्शिता लाने के लिये जनसूचनाधिकारी का नाम,प्रथम अपीलीय अधिकारी, व सूचना आयोग का पता लिखा होना चाहिये।लेकिन स्टेट बैंक के प्रबंधक इन अधिकारों की पूरी तरह से अनदेखी कर रहे हैं।जिससे पता चलता है बैंक कर्मी भ्रष्टाचार में पूरी तरह से संलिप्त है।
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