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INS चेन्नई से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

 नई दिल्ली

भारतीय नौसेना के स्वदेशी स्टील्थ डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अरब सागर में एक टॉरगेट पर निशाना लगाया। मिसाइल ने उच्च-स्तरीय और अत्यंत जटिल युद्धाभ्यास करने के बाद लक्ष्य को सटीकता के साथ सफलतापूर्वक लक्षित लिया। ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में नेवल सर्फेस लक्ष्यों को लंबी दूरी तक निशाना बनाकर युद्धपोतों की अजेयता सुनिश्चित करेगा।


ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। इसने इंडियन नेवी के स्वदेशी INS चेन्नई से अरब सागर में मौजूद अपने टारगेट को पिन प्वाइंट पर सटीकता के साथ हिट किया।

400 किमी है मिसाइल की मारक क्षमता
बता दें कि ओडिशा के बालासोर में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का बुधवार को सफल प्रायोगिक परीक्षण किया गया। इस मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर से ज्यादा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों ने बताया कि यहां पास में चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से अत्याधुनिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया गया जो सफल रहा। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया कि परीक्षण के दौरान सभी मानक प्राप्त कर लिए गए। प्रयोगिक परीक्षण पूर्वाह्न 10 बजकर 45 मिनट पर किया गया।

समुद्र से भी दागा जा सकता है
डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया कि मिसाइल को समुद्र, जमीन और लड़ाकू विमानों से भी दागा जा सकता है। मिसाइल के पहले विस्तारित संस्करण का सफल परीक्षण 11 मार्च 2017 को किया गया था, जिसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर थी। तीस सितंबर 2019 को चांदीपुर स्थित आईटीआर से कम दूरी की मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल के जमीनी संस्करण का सफल परीक्षण किया गया था।

दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
डीआरडीओ और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्राह्मोस मिसाइल 'मध्यम रेंज की रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज' मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों तथा जमीन से दागा जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि यह मिसाइल पहले से ही भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना के पास है। इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है।

भारत-रूस ने मिलकर बनाई ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल को रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है। इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की गति ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक है।
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