आचार्य (डॉ) प्रदीप द्विवेदी
वरिष्ठ संपादक - इंडेविन टाइम्स समाचार पत्र
1 जुलाई से शयन कर रहे देवता 25 नवम्बर को देवोत्थान एकादशी के साथ देवता जागने जा रहे है। इसी के साथ विवाह मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। जो कि 13 दिसम्बर तक जारी रहेगा।
25 नवम्बर की सुबह 04:21 बजे से एकादशी शुरू हो जाएगी, जो कि 26 की सुबह 06:04 बजे तक रहेगी।
देवोत्थान एकादशी का पूजन 25 नवम्बर को किया जाएगा। जबकि शाश्त्रो के अनुसार दशमीबेधी एकादशी का त्याग करते हुए एकादशी का व्रत 26 नम्बर को करना उचित रहेगा। गांधारी ने दशमी विधि एकादशी का व्रत किया था, उसके बाद से ही शाश्त्रो के मुताबिक इसका त्याग करने को कहा गया है।
15 दिसम्बर की सुबह सूर्य के धनु राशि मे प्रवेश करते ही खरमास शुरू हो जाएगा। उससे पहले 13 को मासांत दोष शुरू हो जाएगा। खरमास में विवाह आदि मांगलिक कार्य वर्जित होते है। मकर संक्रांति में खरमास समाप्त होगा, लेकिन उसके बाद 16 जनवरी को गुरु अस्त, फिर फरबरी में शुक्र अस्त और उसके बाद सूर्य के मीन राशि मे जाने पर खरमास के चलते विवाह लग्नो के लिए अप्रैल 2021 के दूसरे पखवाड़े तक का इंतजार करना पड़ेगा। साल की शुरुआत में सहालग नही मिलेगी।
इस वर्ष की विवाह लग्न
नवम्बर- 25, 26, 29 व 30
दिसम्बर- 1, 2, 6, 7, 8, 9, 10, 11 व 13