लखनऊ।
पतंग उड़ाने के शौकीन लोग गोवर्धन पूजा (जमघट) के इस बहुप्रतीक्षित पर्व पर शहर भर में पतंगबाजी करते हैं। संचालित में क्षेत्र के आसपास पतंगबाजी की घटनाएं हमेशा से ही मेट्रो की राह में बाधा उत्पन्न करती आई है, हम आपको बता दें कि मेट्रो का संचालन चीनी मंझे के कारण कई बार क्षतिग्रस्त हुआ है। अतः यह पतंग बाज के लिए बेहद जानलेवा साबित हो सकता है। हम सब बहुत अच्छे से जानते है कि लखनऊ मेट्रो 25000 वोल्ट की धाराप्रवाह वाली ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन की सहायता से चलती है , यदि किसी पतंगबाज कि डोर इसके संपर्क में आ जाती है तो वह व्यक्ति क्षतिग्रस्त हो सकता है।
बीते दिन जमघट के अवसर पर भारी मात्रा में पतंगबाजी मेट्रो क्षेत्र के आसपास देखी गई। चीनी मांझे की वजह से मेट्रो के संचालन में अनेक बार अवरोध उत्पन्न हुआ, इसके अलावा लॉक डाउन के दौरान भी 02 पुलिसकर्मी मांझे की चपेट में आ चुके है। हम आपको यह भी बताना चाहते हैं कि केंद्र सरकार चीनी मंझे के उपयोग पर रोक लगा चुका है अतः इसका उपयोग सरासर गैरकानूनी है।
यूपीएमआरसीएल यह दोहराना चाहती है कि मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंग उड़ाना बेहद खतरनाक है और पतंग उड़ने वाले व्यक्ति के लिए घातक व जानलेवा साबित हो सकता हैI इसके अलावा, पतंग का तार ओएचई के ट्रिपिंग का कारण भी बनता है, जिसके परिणामस्वरूप मेट्रो सेवाएं बाधित हो जाती हैं। इससे न केवल मेट्रो संपत्ति को नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों को भी असुविधा होती है।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन पतंग विक्रेताओ से भी अपील करता है कि वो पतंग खरीददारों को भी जागरूक करे कि वो मेट्रो क्षेत्र के आस पास पतंग न उड़ाए। यूपीएमआरसीएल, मेट्रो सञ्चालन में पतंग के मांझे से होने वाले दुष्परिणामों को लेकर शहरवासियों को लगातार जागरूक करता आ रहा है।
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