लखनऊ।
एक तरफ बड़े बड़े सरकारी इवेंट्स पर इस कोविड -19 कोरोना काल मे किसी भी तरह की कोई बंदिशे नहीं है वही दूसरी तरफ आम कलाकारों पर हजारो नियम कानून लगाकर उनके जीवन को मुश्किल बनाया जा रहा है। अभी हाल ही मे उत्तर प्रदेश सरकार ने शादी व अन्य इवेंट्स मे १०० से ज़्यादा लोगो की उपस्थिति पर रोक लगा दी है, इससे न केवल कलाकारों को आर्थिक नुक्सान हो रहा, साथ ही साथ वह अपने कला को प्रदर्शित भी नहीं कर पा रहे. थिएटर एंड फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन ने इस दोगले व्याहार की घोर निंदा करते हुए आज कार्यकारिणी की बैठक संस्था सभागार मे की.
इस मौके पर डॉ विपिन अग्निहोत्री ने बताया की सरकारी आयोजन चाहे वह अयोध्या मे दीपोत्सव हो या फिर लखनऊ यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह उसमे करोड़ो रुपये खर्च किये गए, वहा किसी को कोई समस्या नहीं है, वही दूसरी तरफ संस्था जो आम कलाकारों के लिए ४५ दिन का नाट्योत्सव कराना चाह रही थी मिशन शक्ति के अंतर्गत, उसके लिए सिर्फ संस्था ने निशुल्क प्रेक्षागृह के आवंटन की मांग की थी, उसे कोविड १९ का बहाना बना कर ख़ारिज कर दिया गया.
बकौल संस्था के सचिव दबीर सिद्दीकी, उत्तर प्रदेश के आम कलाकारों के साथ हो रहे इस सौतेले व्यहार को एसोसिएशन मुखरता से उठाएगी और एक जनजागरण अभियान की शुरुआत करेगी जिसमे एसोसिएशन के प्रदेश के सदस्य अपने अपने जिलों मे कलाकारों को इस बात से रूबरू कराएँगे और सरकार को यह जताने की कोशिश करेंगे की उनका ये आदेश न्यायोचित नहीं है।
No comments
Post a Comment