लखनऊ
उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के दौरान कद्दावर काबीना मंत्री रहे मोहम्मद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। आजम के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जांच के बाद अब सीबीआई भी उन पर कानून का शिकंजा कसने की तैयारी में है। राज्य सरकार की सिफारिश पर शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड की जांच कर रही सीबीआई को पुख्ता प्रमाण मिले है कि आजम के मंत्री रहते उनको फायदा पहुंचाने के लिए दोनों वक्फ बोर्ड का भरपूर दुरुपयोग किया गया। सीबीआई को इससे जुड़े तमाम दस्तावेज भी हाथ लगे हैं जिनका परीक्षण चल रहा है।
सूत्रों के अनुसार इनमें सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा रामपुर में आजम खान की जौहर युनिवर्सिटी को वक्फ की कई बेशकीमती जमीनों को एक रुपए सालाना की लीज पर दिए जाने के आरोपों से जुड़े दस्तावेज शामिल है। प्रयागराज में इमाम बाड़ को जमींदोज कर कामर्शियल कॉम्पलेक्स बनाने को लेकर सीबीआई द्वारा दर्ज किए गये केस में शिया वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष वसीम रिजवी के साथ तत्कालीन वक्फ मंत्री मोहम्मद आजम खान की भूमिका भी जांच के दायरे में आ चुकी है। इसमें प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद की भूमिका की पड़ताल भी सीबीआई कर रही है।
CBI को मिले हैं अहम सबूत
सीबीआई को कुछ ऐसे प्रमाण मिले हैं जिनसे यह पता चलता है कि रामपुर में यतीमखाना‚ ईदगाह समेत वक्फ की कई संपत्तियों को आजम‚ उनकी पत्नी और करीबियों को एक रुपये सालाना की लीज पर तीस साल के लिए आवंटित कर दिया गया। इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जल्द केस दर्ज करने जा रही है। वहीं शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी को भी सीबीआई द्वारा नोटिस भेजने की तैयारी है।
जौहर यूनिवर्सिटी होगी अटैच
आजम खान के खिलाफ जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जल्द ही रामपुर स्थित जौहर यूनिवर्सिटी को अटैच करने की तैयारी है। ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक जौहर यूनिवर्सिटी की जांच में सामने आया है कि बड़े पैमाने पर नकदी को जमा करने के बाद उसे ट्रस्ट के खातों में जमा कराया गया। यह रकम किस तरह से हासिल की गयी‚ इसकी पड़ताल की जा रही है। इसके अलावा जौहर यूनिवर्सिटी का वैल्यूएशन का कार्य भी शुरू हो चुका है। वैल्यूएशन पूरा होने और आजम से पूछताछ के बाद यूनिवर्सिटी को जांच एजेंसी द्वारा अटैच कर लिया जाएगा।
20 नवम्बर को सीबीआई ने दर्ज किया था मुकदमा
बीते 20 नवंबर को शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी समेत दो पर सीबीआई ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। जिसमें वक्फ बोर्ड की जमीनों में फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में आया है। सपा सरकार में काबीना मंत्री रहे आज़म खान के समय भी वसीम रिज़वी शिया वक्त बोर्ड के चेयरमैन रहे।
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