कौस्तुभ बाजपेयी-(इंडेविन न्यूज़ नेटवर्क)
महोली-सीतापुर
वाल्मीकि जयंती के शुभ अवसर पर कोविड 19 नियमों को ध्यान में रखते हुए प्रज्ञानं सत्संग आश्रम में वाल्मीकि ऋषि पूजन एवं वाल्मीकि रामायण के पाठ का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर प्रज्ञानं आश्रम प्रमुख स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि को प्राचीन वैदिक काल के महान ऋषियों कि श्रेणी में प्रमुख स्थान प्राप्त है। वह संस्कृत भाषा के आदि कवि और हिन्दुओं के आदि काव्य 'रामायण' के रचयिता के रूप में प्रसिद्ध हैं।
महर्षि कश्यप और अदिति के नवम पुत्र वरुण (आदित्य) से इनका जन्म हुआ। इनकी माता चर्षणी और भाई भृगु थे। वरुण का एक नाम प्रचेत भी है, इसलिए इन्हें प्राचेतस् नाम से उल्लेखित किया जाता है। उपनिषद के विवरण के अनुसार यह भी अपने भाई भृगु की भांति परम ज्ञानी थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ उपजिलाधिकारी महोली शशि भूषण रॉय ने दीप प्रज्वलन कर किया।
कार्यक्रम में वाल्मीकि रामायण पाठ के समापन पर आरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। पूरे सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का विशेष ध्यान रखा गया।
इस अवसर पर तहसीलदार रविन्द्र प्रताप सिंह ,नायब तहसीलदार शिव कुमार शर्मा, लेखपाल कमल वर्मा, लक्ष्मी कांत शुक्ल, विनीत अवस्थी, अरुण अवस्थी आचार्य धर्मेंद्र मिश्र, कौस्तुभ बाजपेयी, सूर्यान्क मिश्र, मुनुवा सिंह, शेषमणि शर्मा, अभ्युदय, आनंद समेत आश्रम के कार्यकर्ता एवं तहसील कर्मचारी उपस्थित रहे।
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