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तरन्नुम फातिमा काज़मी, लखनऊ |
इंडेविन न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ।
इंसान अगर कुछ कर गुजरने की ठान ले तब कोई भी मुश्किल आड़े नहीं आती, ऐसा ही कुछ किया लखनऊ की एक उच्च शिक्षित महिला जो बड़े बड़े सपने लेकर आगे बढ़ने को आतुर थीं, वह हैं लखनऊ चौक की मासूम तरन्नुम फातिमा काज़मी, उच्च शिक्षित बड़े बड़े सपनों से भरी हुई एक लड़की जो अपने सपनों को नए नए आयाम देने के लिए उत्सुक, सोचा था कि पढ़ लिख कर नौकरी का सुख लुंगी पर विधाता शायद चाहता था कि देश और शहर का नाम सारे संसार में रोशन करें, सपने बड़े और कदम स्थिर, जो खोलना चाहती थी खुद का घर जैसे वातावरण का रेस्टॉरेंट , पर होता वही जो रब चाहता है,
एक दिन तरन्नुम फातिमा काज़मी जब किसी काम से जा रही थीं तब उन्होंने कुछ लोग देखे जो कबाड़ इकट्ठा कर रहे थे, उनके दिमाग में विचार आया कि क्यूँ ना इस को नई शक्ल दे कर रोजगार के नए आयाम खड़े किए जाएं, साथ ही साथ प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम मेक इन इंडिया और स्वच्छ भारत का भी ख्याल मन में आया,
बस फातिमा तरन्नुम जुट गई अपने विचारों को अमली जामा पहनाने के लिए, सोच को हकीकत में बदलने के लिए उन्होंने खुद कबाड़ इकट्ठा किया, फिर उनसे हाथ द्वारा निर्मित फर्नीचर बनाने का उधम शुरू किया, उनके उत्पादों की सर्वत्र सराहना हुई, प्रिसिद्दी मुम्बई तक दस्तक दे आई, मशहूर अदाकार गोविंदा जी की भांजी आरती जी ने खुद इनके उत्पादों को बेहद सराहा, खरीद भी की, कहते हैं कि जो उड़ान भरने का हौंसला रखता है उनका ये गगन भी बाहें फैलाकर इस्तकबाल करता है,
फातिमा तरन्नुम काज़मी से जब ये पूछा कि आप चाहती तब बहुत अलग अपने आपको स्थापित कर सकती थी तब ये ख्याल कैसे आया, उन्होंने बड़ी मासूमियत से कहा कि कुछ कर गुजरने की चाह ने और जनता को दिखाने के हौसले ने बहुत योगदान दिया,
कबाड़ को नई शक्ल देना , जूतियां बनाना, आभूषण , फर्नीचर बनाना और बहुत कुछ है मन मे, वक़्त लगेगा अभी मुकाम तक पहुंचने में , आप सभी का सहयोग जब और मार्गदर्शन जरूरी है,
नव वर्ष सभी के लिए शुभ हो, उत्तम स्वास्थ्य हो, जन प्रेम हो इन्ही शुभकामनाओं के साथ आपका आभार ।।
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