नई दिल्ली।
ब्रिटेन से भारत लौटे छह लोगों के नमूनों में सार्स-सीओवी2 का नया स्वरूप (स्ट्रेन) पाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि बेंगलुरू स्थित निमहांस, हैदराबाद स्थित सीसीएमबी और पुणे स्थित एनआईवी में जांच के लिए आए नमूनों में वायरस का नया स्वरूप पाया गया। मंत्रालय ने बताया कि राज्य सरकारों ने इन सभी लोगों को चिह्नित स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में अलग पृथक-वास कक्षों में रखा है और उनके संपर्क में आए लोगों को भी पृथक-वास में रखा गया है। उसने बताया कि इन लोगों के साथ यात्रा करने वाले लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। अन्य नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘हालात पर निकटता से नजर रखी जा रही है और सतर्कता बढ़ाने, संक्रमण को रोकने, जांच बढ़ाने और नमूनों को आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए राज्यों को नियमित सलाह दी जा रही है।’’ उसने कहा कि यह गौर करने वाली बात है कि सबसे पहले ब्रिटेन में मिला वायरस का नया स्वरूप डेनमार्क, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है।
वायरस का नया रूप 70% ज्यादा तेजी से फैलता है
वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है, यानी इसके गुण बदलते रहते हैं। म्यूटेशन होने से ज्यादातर वेरिएंट खुद ही खत्म हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी यह पहले से कई गुना ज्यादा मजबूत और खतरनाक हो जाता है। यह प्रोसेस इतनी तेजी से होती है कि वैज्ञानिक एक रूप को समझ भी नहीं पाते और दूसरा नया रूप सामने आ जाता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कोरोनावायरस का जो नया रूप ब्रिटेन में मिला है वह पहले से 70% ज्यादा तेजी से फैल सकता है।
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