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रचनाकार : दीपिका मावर स्थान : मंदसौर(म.प्र) |
झाँकी हिन्दुस्तान की मेरे देश में तैयार थी, तैयार है और तैयार हो रही है ।
साल दर साल भारतीय सेना बुलंद इरादों से दुश्मन को हराने को तैयार हो रही है।
अतीत में तुम मुझे खुन दो में तुम्हें आजादी दूँगा,जिनका ये नारा था वह थे सुभाषचन्द्र बोस जिन्हें नेताजी के नाम से पुकारा था ।
फाँसी के वक्त भी हँसते हँसते जिन्होंनें मेरा "रंग दे बसंती" गीत गाया था, भगत सिंह ने अपने आंदोलन को बड़े प्रेम से निभाया था।
अंग्रेजों को धूल चटाने की जिसने थी ठानी तो उनको धूल चटवाकर ही मानी, ऐसी है भारत की विरांगना जिनका नाम है झाँसी की रानी।
भारत में इनके अलावा भी कई वीर हुए है नाम जिनके सुखदेव, शिवाजी, लालबहादुर शास्त्री और चन्द्र शेखर आजाद है, इन्हीं के कारण देश आबाद है।
कारगिल युद्ध में भी देश के कई वीरों ने सुरक्षा करते करते अपनी जान गवाई थी उन्होंने भारत की रक्षा करने की कसम खाई थी।
देश में सीमा पर तैनात होकर फौजी भाई हमारी सुरक्षा करते है इसलिए निडर होकर हम अपने घर में रहते है।
कभी कभी दूसरे देश की सेना इन पर छल से वार करती है पुलवामा अटैक में उन्होंने हमारे 42 फौजी भाईयों को मारा था ।
भारत फिर भी नही हारा था बदला लिया था उन्हें ललकारा था देश में घुसकर उन्हें मारा था।
पाकिस्तान हो या हो चीन या हो देश नेपाल जो भी टकराएगा हमारे भारत देश कर देगी भारतीय सेना उनका बुरा हाल।
"जय हिन्द जय भारत जय भारत के वीर,
आप सब के बलिदानों से भारत में
जीत।"