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पूजा खत्री ( पत्रकार/ लेखिका) लखनऊ |
इस पुरुष प्रधान
समाज में
अगर औरत की
चरित्रहीनता
का आकलन
उसके खुश रहने से
किया जाता है
तो संभवतः
हर वो स्त्री जो अपनी
दहलीज के बाहर
अपने अस्तित्व की लड़ाई
के लिए कदम से कदम
मिलाकर कर
समाज मे अपनी भागीदारी
सुनिश्चित कर रही है
वो चरित्रहीन है
और चरित्रहीन है
तो केवल उस पुरुष की नजर में
जो स्त्री के कांधे पर
अपनी जूता रखकर
अपनी मर्दानगी को
साबित करना चाहता है
या छुपाना चाहता है
अपनी नामर्दांनगी
औरत के पहलू में
छिपकर ...
बहुत बढ़िया
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