आइये जानते हैं कि किसे सोमवार का व्रत रखना चाहिए।
सोमवार के व्रत के साथ ही एकादशी और प्रदोष के व्रत निरंतर रखने से चंद्र का दुष्प्रभाव दूर होकर जीवन में सुख शांति प्राप्ति होती है।
1- सोमवार के दिन उन लोगों को उपवास रखना चाहिए जिनका स्वभाव ज्यादा उग्र है। इससे उनकी उग्रता में कमी होगी। यदि प्रकृति गर्म है तो भी यह उपवास रख सकते हैं।
2- यदि कुंडली में चंद्र ग्रह शनि के साथ है तो यह विष योग माना जाता है। उपाय के साथ ही व्रत रखना चाहिए।
3- यदि कुंडली में राहु और केतु के साथ भी यदि चंद्र स्थिति है तो उपाय के साथ ही व्रत रखना चाहिए।
4- यदि चंद्र छठे, सातवें और आठवें भाव में हो तो भी उपाय के साथ ही व्रत रखना चाहिए।
5- किसी भी प्रकार की मानसिक परेशानी है या लगातार तनाव बना रहता है तो चंद्र के उपाय करके सोमवार का व्रत भी करना चाहिए।
6- माता किसी भी प्रकार से हर वक्त बीमार रहती है तो भी उनके लिए सोमवार का व्रत रखना चाहिए।
7- चंद्रमा वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच का होता है। यदि नीच का हो या अष्टम में हो तो उपाय के साथ ही सोमवार का व्रत रखें।
8- यदि आपकी राशि कर्क है तो भी आप सोमवार का व्रत रखें।
9- चंद्र खराब होने की स्थिति में दुध देने वाला जानवर मर जाए। यदि घोड़ा पाल रखा हो तो उसकी मृत्यु भी तय है, किंतु आमतौर पर अब लोगों के यहां ये जानवर नहीं होते। माता का बीमार होना या घर के जल के स्रोतों का सूख जाना भी चंद्र के अशुभ होने की निशानी है। महसूस करने की क्षमता क्षीण हो जाती है। यदि ऐसी स्थिति है तो भी चंद्र के उपास के साथ ही सोमवार का व्रत रखना चाहिए। राहु, केतु या शनि के साथ होने से तथा उनकी दृष्टि चंद्र पर पड़ने से चंद्र अशुभ हो जाता है। मानसिक रोगों का कारण भी चंद्र को माना गया है। यदि ऐसी स्थिति है तो भी चंद्र के उपास के साथ ही सोमवार का व्रत रखना चाहिए।
10- यदि कोई लड़की अच्छा वर चाहती है तो उसे भी शिवजी की आराधना के साथ ही सोमवार का व्रत रखना चाहिए।