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अजीत सिंह हत्याकांड का अभियुक्त गिरधारी मुठभेड़ में ढेर

लखनऊ

राजधानी लखनऊ में रविवार रात अपराधी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। गिरधारी 39 दिन पूर्व लखनऊ में हुए पूर्व ब्लॉक प्रमुख और हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह हत्याकांड में पकड़ा गया था। पुलिस असलहे की बरामदगी के लिए उसे गोमतीनगर में सहारा हॉस्पिटल के पीछे ले गई थी। लेकिन उसने सब इंस्पेक्टर पर हमला कर पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम ने पीछा किया तो उसने फायरिंग की। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।

इस पुलिस मुठभेड़ की कहानी ने एक बार फिर कानपुर एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे की कहानी की याद दिला दी है। बीते साल 10 जुलाई को विकास दुबे भी पुलिसकर्मी का असलहा छीनकर भागने की कोशिश में मारा गया था। विकास दुबे ने सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की थी।

11 को दिल्ली में दबोचा गया था, कल खत्म होने वाली थी रिमांड

अपराधी गिरधारी को चार दिन पहले 11 जनवरी को गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के आउटर नॉर्थ जिले की स्पेशल स्टाफ पुलिस ने रोहिणी इलाके से की थी। पुलिस ने उसके पास से 9MM की एक पिस्टल भी बरामद की थी। गिरधारी को दिल्ली से लखनऊ की जेल में शिफ्ट किया गया था। लखनऊ पुलिस को CJM कोर्ट से 3 दिन की कस्टडी रिमांड पूछताछ के लिए मिली थी। गिरधारी 13 फरवरी से 16 फरवरी तक 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लखनऊ पुलिस की कस्टडी में था।

सरेंडर करने के लिए कहा गया, मगर फायरिंग करता रहा

JCP क्राइम नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि गिरधारी विश्वकर्मा को हत्या में प्रयुक्त असलहा की बरामदगी लिए रविवार की रात करीब दो से ढाई बजे के बीच गोमतीनगर के विनीत खंड में सहारा हॉस्पिटल के पीछे ले जाया जा रहा था। खरगापुर क्रॉसिंग के पास पुलिस टीम ने गाड़ी रोकी। तभी उप निरीक्षक (SI) अख्तर उस्मानी गाड़ी से अपने साइड से गिरधारी को उतार रहे थे। तभी गिरधारी ने SI अख्तर उस्मानी के नाक पर अपने सिर से वार किया जिससे अख्तर उस्मानी गिर गए। इसके बाद गिरधारी उनकी पिस्टल लेकर भागने लगा। यह देख वरिष्ठ उप निरीक्षक (SSI) अनिल सिंह ने पीछा किया तो गिरधारी उनके ऊपर फायर करता हुआ झाड़ियों में भाग गया।

तीन पुलिसकर्मी घायल, एक के बुलेटप्रूफ जैकेट पर फंसी गोली

JCP क्राइम ने बताया कि इसकी सूचना कंट्रोल रूम व 112 पर दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस उपायुक्त पूर्वी संजीव सुमन पहुंच गए। पुलिस टीम व प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह और प्रभारी निरीक्षक ने चारों तरफ से घेरकर झाड़ियों में छिपे गिरधारी को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया। लेकिन वह छीनी हुई पिस्टल से बार-बार फायर कर रहा था।

पुलिस टीम की जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लग गई और वहीं ढेर हो गया। उसे तत्काल राम मनोहर लोहिया के इमरजेंसी में भेजा गया। लेकिन उसकी मौत हो गई। मुठभेड़ में SI अख्तर सैयद उस्मानी के नाक पर चोट आई। जबकि SSI अनिल कुमार सिंह के दाहिने बाजू पर गोली छूते हुए निकली है और इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्रशेखर के बुलेप्रूफ जैकेट में एक गोली लगी है।

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