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लखनऊ मेट्रो की एक और उपलब्धि- यात्री सेवा की शुरुआत से अब तक की कुल राइडरशिप पहुंची 3 करोड़

Sunday, February 28, 2021

/ by Dr Pradeep Dwivedi

इंडेविन न्यूज नेटवर्क

लखनऊ।

  लखनऊ मेट्रो से जुड़े सभी लोगों के लिए एक और उपलब्धि लेकर आया है। 5 सितंबर, 2017 से प्रारंभ हुई लखनऊ मेट्रो सेवा ने आज अपनी अब तक की यात्रा में तीन करोड़ की राइडरशिप (यात्री संख्या) को पार कर लिया। यह महत्तवपूर्ण उपलब्धि इसलिए भी ख़ास है क्योंकि तब से अब तक अपनी कार्य पद्धति और समपिंत यात्री सेवा से लखनऊ मेट्रो ने शहरवासियों के दिलों में अहम जगह बनाई है और उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी है।

इस उपलब्धि के मौके पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक, श्री कुमार केशव ने यूपीएमआरसी की पूरी टीम के साथ लखनऊ की जनता को भी बधाई दी है, उन्होंने कहा कि ‘‘निश्चित तौर पर लखनऊ मेट्रो के लिए यह क्षण ऐतिहासिक और गर्व की अनुभूति कराने वाला है। हमने तमाम बाधाओं को पार कर लखनऊ के लोगों के लिए जिस आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का संकल्प लिया था, आज वह यात्रियों से मिल रहे निरंतर समर्थन और भरोसे की वजह से एक मुकाम तक पहुंचता दिखाई दे रहा है। हम इसके लिए लखनऊवासियों के आभारी हैं और उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि भविष्य में भी इसी कर्मठता और समर्पण के साथ उनकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।“

वर्तमान में कोविड के मद्देनज़र मेट्रो स्टेशनों और मेट्रो ट्रेनों पर सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किए गए तमाम प्रबंध जारी हैं। सुरक्षित और सुगम यात्रा के लिए सैनिटाइजेशन और शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। इस साल की शुरुआत से अल्ट्रावायलेट किरणों से मेट्रो ट्रेनों के कोच को सैनिटाइज करने वाली लखनऊ मेट्रो देश की पहली मेट्रो सेवा बन गई है। हमारे इन प्रयासों का नतीजा है कि पिछले साल कोविड के बाद अनलॉक में 7 सितंबर 2020 से मेट्रो सेवा के पुनः आरंभ होने के बाद से मेट्रो की यात्री संख्या में लगातार सुधार हुआ है। लखनऊ मेट्रो 42 हजार यात्री संख्या के साथ कोरोना पूर्व की राइडरशिप का 65 प्रतिशत पहले ही हासिल कर चुकी है। हालांकि इसी वक्त में अन्य राज्यों की मेट्रो सेवाओं की राइडरशिप रिकवरी काफी कम है।

लखनऊ में सीसीएस एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया के बीच 23 किलोमीटर उत्तर दक्षिण कोरिडोर में मेट्रो ट्रेन प्रतिदिनि 343 फेरे लगाती है। मेट्रो की ये सार्वजनिक परिवहन प्राणाली सुरक्षित होने के साथ साथ पर्यावरण के अनुकूल तो है ही साथ ही सवारी के कई माध्यमों से सस्ती भी है। यहां विशेष यात्रियों और महिलाओं की सहूलियत का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। लखनऊ मेट्रो की लॉस्ट एंड फाउंड पॉलिसी के तहत यात्रियों का अब तक स्टेशनों और ट्रेनों में छूटा करीब साढ़े सात लाख रुपया और कीमती साजोसामान लौटाया गया है जिसने यात्रियों के दिल में इस सेवा के प्रति एक अटूट भरोसा भी पैदा किया है। लखनऊ मेट्रो की प्रतिबद्धता है कि वो इसी तरह यात्रियों की सेवा में सदैव तत्पर रहेगी।

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