लखनऊ।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सोमवार को विधानसभा में अपना पांचवा व पूर्ण बजट पेश करेगी, जो केंद्र सरकार की तर्ज पर पेपरलेस होगा। अगले साल 2022 में विधान सभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कयास हैं कि योगी सरकार इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश कर सकती है, जो 5.5 से 5.6 लाख करोड़ रुपए तक का हो सकता है। चालू वित्तीय वर्ष में कुल बजट 5.13 लाख करोड़ है। इसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम और एक रिकॉर्ड जुड़ने जा रहा है, वे BJP सरकार के पहले ऐसे CM हैं, जिनकी देखरेख में 5वीं बार बजट पेश किया जाएगा।
हर साल इस तरह बढ़ा बजट, कब किस पर रहा आधारित?
प्रदेश में BJP की सरकार बनने के बाद से हर साल बजट का आकार बढ़ा है। सरकार ने अपना पहला बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ का बजट पेश किया था। इसके बावजूद जनता पर बिना कोई टैक्स बढ़ाए 86 हजार किसानों की 36 हजार करोड़ की कर्जमाफी और सातवें वेतन आयोग के रूप में करीब 36 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे। CM योगी का अब पांचवां बजट भी भारी भरकम होने का अनुमान है।
साल | धनराशि (लाख करोड़ में) | लक्षित वर्ग |
2020-21 | 5.12 | युवा वर्ग |
2019-20 | 4.79 | महिला सशक्तिकरण |
2018-19 | 4.28 | औद्योगिक विकास |
2017-18 | 3.84 | किसान |
आर्थिक विशेषज्ञ अरविंद जायसवाल का कहना है कि योगी सरकार ने अपने पिछले चार बजटों के माध्यम से सभी क्षेत्रों को समग्र बनाने का कार्य किया है। हालांकि अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं। इसलिए ज्यादातर उम्मीद यह ही है कि इस बार सरकार अपने बजट में उन क्षेत्रों पर भी फोकस करेगी, जिन पर कम काम हुआ है। उनका कहना है कि एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का सपना अगर साकार होता है तो यह प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
प्रदेश के वित्त, संसदीय कार्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने रविवार को अपनी टीम के साथ बजट को अंतिम रुप दिया है। डिजिटल माध्यमों से बजट की प्रस्तुति का खाका खींचा जा चुका है। इससे पहले मंत्री-विधायकों को आइपैड पर बजट देखने की ट्रेनिंग मिल चुकी है। वित्त मंत्री 22 फरवरी को सुबह 11 बजे विधानसभा में उत्तर प्रदेश का 2021-22 का बजट प्रस्तुत करेंगे। बजट प्रस्तुतीकरण का दूरदर्शन उत्तर प्रदेश के चैनल पर लाइव प्रसारण किया जाएगा। बजट 'उत्तर प्रदेश सरकार का बजट' ऐप पर उपलब्ध होगा, जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि बजट 2021-22 उत्तर प्रदेश सरकार का पहला पेपर लेस बजट होगा।