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आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या हुई कम, , घाटी में ज्यादा असर

नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा (आर्टिकल 370) हटाए जाने के बाद पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। इसका असर जम्मू से ज्यादा कश्मीर घाटी में हुआ है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने मंगलवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी।

कश्मीर से ज्यादा लद्दाख पहुंचे पर्यटक
अगस्त 2019 से अब तक जम्मू-कश्मीर के आंकड़ों को अलग-अलग करके देखें तो कश्मीर में 84,326, जबकि जम्मू में 87,94,837 पर्यटक आए। लद्दाख में 1,00,931 पर्यटक आए। इस दौरान धार्मिक यात्रा पर जम्मू आने वाले पर्यटकों की संख्या 76,80,775 रही।

राजनीतिक उठापटक का भी असर
जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटने के बाद वहां के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को केंद्र सरकार ने नजरबंद कर लिया था। उसके बाद DDC चुनावों में भी आतंकी खतरों के चलते माहौल गर्म रहा। इसे देखते हुए घाटी में सेना की तैनाती और बढ़ा दी गई थी। ऐसे में पर्यटकों का आना कम हुआ।

2019 में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख UT बने
पांच अगस्त, 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य से केंद्र शासित प्रदेश (UT) बना दिया गया। लद्दाख को भी UT का दर्जा दिया गया था। हालांकि सरकार ने टूरिज्म और हैंडीक्राफ्ट क्षेत्रों में खत्म हुई नौकरियों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी।

2015 में सबसे ज्यादा पर्यटक कश्मीर पहुंचे

इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में अगस्त और दिसंबर के बीच कश्मीर में 3,16,434 पर्यटक आए थे। 2019 में यह संख्या 86% तक गिरकर 43,059 हो गई। जुलाई 2019 में 152,525 पर्यटक कश्मीर पहुंचे। अगस्त में केवल 10,130 पर्यटक आए। सितंबर में यह संख्या 4,562 तक गिर गई। नवंबर में इसमें बढ़ोतरी हुई और यह 12,086 हो गई।

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