लखनऊ
उत्तर प्रदेश में अवैध खनन के खिलाफ चल रही जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने लखनऊ, कौशाम्बी, गाजियाबाद, दिल्ली समेत 9 स्थानों पर छापेमारी की है। सीबीआई की 6 टीमों ने र छापेमारी करने के बाद पूर्व आईएएस सतेंद्र सिंह समेत नौ पर एक नया मुकदमा दर्ज किया है।
सीबीआई को छापेमारी के दौरान 44 अचल संपत्तियों, बैंक खाता जमा और 10 लाख की नकद वसूली के दस्तावेज मिले हैं। यह मामला साल 2012-14 के दौरान, तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट, कौशांबी ने 02 ताजा पट्टे दिए थे और अन्य आरोपियों को 9 नए पट्टे भी सौंपे थे। जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा 31 मई 2012 के आदेशों पर ई-टेंडरिंग प्रक्रिया की गई हैं।
लखनऊ, दिल्ली और इन जगह पर हुई छापेमारी
सीबीआई की टीम ने कौशांबी, लखनऊ में समेत नौ स्थानों पर अभियुक्त अधिकारियों के घर पर छापेमारी की है। अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमें में पूर्व आईएएस सत्येंद्र सिंह, जिला मजिस्ट्रेट कौशांबी रहे, नेपाली निषाद, नारायण मिश्रा, रमाकांत द्विवेदी, हेमराज सिंह, राम प्रताप सिंह, मुन्नीलाल, शिव प्रकाश सिंह, राम प्रताप सिंह, राम अभिलाष और योगेंद्र सिंह के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की हैं।
कौशांबी जिले में जिला मजिस्ट्रेट के आवास में हुई जांच में 10 लाख रुपये की नकद, लगभग 44 अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज जमा मिले हैं। करीब 51 लाख रुपए लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, नई दिल्ली में मिले हैं। पूर्व अधिकारियों के घर पर और उनके परिवार के सदस्यों के पास से करीब 36 बैंक खाते और 06 लॉकरों की चाबियां मिलीं। सीबीआई को बैंक के लॉकरों से करीब दो करोड़ के सोने, चांदी, ज्वेलरी वह पुराने नोट की करेंसी भी मिली है।
हाईकोर्ट प्रयागराज बेंच के आदेश पर चल रही हैं जांच
मई 2012 के बाद स्वीकृत पट्टों को न्यायालय ने अवैध करार दे दिया था। इसके बाद भी बालू कारोबारियों ने जिले में बाधित अवधि की आड़ में अवैध बालू खनन किया था। रही सही कसर वर्ष 2016 में सिंडीकेट ने पूरी कर दी थी। कथित सिंडीकेट के गुर्गो ने जिले में डेरा डालकर जिलेभर के यमुना बालू घाटों पर अवैध खनन किया।
मामला न्यायालय पहुंचा तो वर्ष 2016 में सीबीआई जांच बैठा दी गई। अब तक सीबीआई टीम पांच बार कौशाम्बी जिले में जांच कर चुकी है। मामले में तत्कालीन खान अधिकारी अरविंद कुमार समेत आठ कारोबारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर अंतिम रूप देने के प्रयास में है।
14 यमुना घाटों पर 2012 से 16 के बीच हुआ था अवैध खनन
सपा सरकार में में कौशाम्बी जिले के 14 यमुना घाटों में वर्ष 2012 से 16 के बीच हुए अवैध खनन किया गया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रकरण की जांच सीबीआइ टीम कर रही है। वर्ष 2017 में जांच के लिए आए टीम के सदस्यों ने पूर्व खनन अधिकारी समेत आठ कारोबारियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।