लखीमपुर-खीरी।
बेसिक शिक्षा विभाग में 69 हजार शिक्षक भर्ती के दौरान पूरी व्यवस्था पारदर्शी व ऑनलाइन की गई। लेकिन दिव्यांग कोटे से तैनाती पाए शिक्षकों के लेकर सवाल उठने लगे।
69 हजार शिक्षक भर्ती के पहले चरण में खीरी जिले में करीब 344 शिक्षकों की तैनाती हुई। इन शिक्षकों में 13 शिक्षकों की तैनाती दिव्यांगता कोटे से हुई है। इसमें कुछ शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने श्रवणबाधित, दृष्टि बाधित होने का प्रमाणपत्र लगाया। लेकिन जब काउंसिलंग में अफसरों के सामने गए तो दिव्यांगता नहीं दिखी इस पर बीएसए ने इनकी दिव्यांगता की जांच के लिए सीएमओ को लिखा। सूत्र बताते हैं कि इनमें से दो शिक्षकों की दिव्यांगता संदिग्ध मिली है। इसके बाद शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण में जिले में करीब 1600 शिक्षकों की तैनाती हुई। इनमें 34 शिक्षक दिव्यांग कोटे में हैं। इनमें से भी कई शिक्षकों की दिव्यांगता संदेह के घेरे में रही। अब इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच तो कराई ही जाएगी साथ ही इनकी दिव्यांगता की जांच भी होगी। दिव्यांगता की जांच स्वास्थ्य विभाग का मेडिकल बोर्ड करेगा। इन सभी शिक्षकों की सूची तैयार करके सीएमओ को भेजी जा रही है। बीएसए ने इसके लिए सीएमओ को पत्र लिखा है। जांच के बाद स्पष्ट होगा कि दिव्यांगता के प्रमाणपत्र फर्जी लगे हैं या फिर वास्तव में वह दिव्यांग हैं।