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गोंडा: खून के काले कारोबार का भंडाफोड़, सरकारी व निजी ब्लड बैंक से चल रहा था कारोबार

गोंडा

नगर कोतवाली क्षेत्र में संचालित जिला अस्पताल व निजी हॉस्पिटल के ब्लड बैंक के प्रभारियों समेत 15 लोगों पर मंगलवार को औषधि निरीक्षक ने खून के काले कारोबार के तहत ब्लड की बिक्री करने व बिना रजिस्ट्रेशन ब्लड डोनेशन ऑर्गनाइजेशन संचालित करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है।


इन पर दर्ज हुई रिपोर्ट
नगर कोतवाल आलोक राव ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर ओम प्रकाश ने जिला अस्पताल मे संचालित ब्लड बैंक के इंचार्ज, बर्खास्त शव वाहन चालक चंद्र प्रकाश, एससीपीएम हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में कार्यरत विख्यात पैथालॉजिस्ट डॉ. के. के. मिश्रा, द गोल्डन ब्लड सेवा समिति के संचालक इमरान, अलमास, सिद्धार्थ समेत 15 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई है।

एससीपीएम ग्रुप के चेयरमैन ने जानकारी से किया इंकार
उन्होनें बताया कि इस सिलसिले में द गोल्डन ब्लड सेवा समिति के तीन आरोपियों समेत पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि फरार अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। पुलिस सभी पहलुओं पर मामले की गहराई से छानबीन कर रही है। इधर एससीपीएम ग्रुप के चेयरमैन डॉ. ओ.एन. पांडेय का कहना है कि हॉस्पिटल मे संचालित ब्लड बैंक में अभी तक ब्लड के कारोबार के बारे में किसी प्रकार की उन्हें जानकारी नहीं है। प्रकाश में आए मामले मे जांच के उपरान्त यदि उनके संस्थान से जुड़ा कोई शख्स संलिप्त पाया गया तो उसके विरुद्ध संस्थान द्वारा विधिक व दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

डीएम और एसपी की संयुक्त पीसी पर सभी की नजरें
हालांकि, मामला का खुलासा होने के बाद अब जिले के डीएम मार्कंडेय शाही व गोंडा एसपी शैलेश पांडे का संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखेंगे। जिसमें कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि उनके द्वारा खून के इस काले कारोबार में संलिप्त लोगों द्वारा पूछताछ के बाद इसके बड़े पैमाने पर खपत होने की और यह खपत कहां होती थी, इसकी भी जानकारी दी जाए।



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