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केमिकल वाली नहीं हर्बल होली खेलें

Friday, March 26, 2021

/ by Dr Pradeep Dwivedi

इंडेविन न्यूज नेटवर्क



केमिकल वाले रंग स्किन पर एक्ने, एलर्जी और जलन का कारण बनते हैं। इनसे बचने के लिए फूल, पत्तियों, सब्जियों और मसालों से तैयार रंगों का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये स्किन के लिए फायदेमंद होते हैं और आंखों को भी नुकसान नहीं पहुंचाते। नेचुरोपैथी एक्सपर्ट डॉ. किरन गुप्ता बता रही हैं कि कैसे हर्बल कलर घर पर आसानी से तैयार किए जा सकते हैं और कैसे सेलिब्रेट करें सेफ होली।

हरा रंग : नीम की पत्तियों से बनाएं

नीम की पत्तियों को पीसकर तैयार हुए पेस्ट से हरा रंग बना सकते हैं। इस पेस्ट को पानी में मिलाकर की रंग खेला जा सकता है। यह फेसपैक की तरह भी काम करेगा। नीम एंटीबैक्टीरियल और एंटीएलर्जिक होने के कारण स्किन के लिए फायदेमंद है और यह कील, मुंहासों की समस्या में राहत देता है। नीम की पत्तियों को सुखाकर इसके पाउडर को भी गुलाल की तरह लगाया जा सकता है।

लाल रंग : चुकंदर पीसकर पानी में उबालें

इस मौसम में चुकंदर आसानी से उपलब्ध है। इसे घिसकर पानी में उबाल लें और लाल रंग तैयार है। गहरा पिंक रंग चाहते हैं तो इसमें पानी ज्यादा मिलाएं। इसके अलावा इसे पीसकर पेस्ट भी बना सकते हैं। खासबात है कि यह रंग आंखों और मुंह में चले जाने पर नुकसान भी नहीं होता है। बच्चों को नुकसान से बचाने के लिए इस रंग को पिचकारी में भरकर भी दे सकते हैं।

पीला रंग : मक्के के आटे में मिलाएं हल्दी

ये रंग बनाने के लिए हल्दी बेहद मुफीद है। हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमेट्री होती है जो स्किन के लिए काफी फायदेमंद है। पीला रंग तैयार करने के लिए हल्दी को जौ या मक्के के आटे में मिलाकर पेस्ट बना सकते हैं। इसे रंग की तरह इस्तेमाल करें। यह डेड स्किन हटाकर नेचुरल स्क्रब की तरह काम करेगा। हल्दी को आरारोट या चावल के पाउडर में भी मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।

केसरिया रंग : पलाश और गेंदे के फूल का करें इस्तेमाल

केसरिया रंग बनाने के लिए गेंदे के फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा 100 ग्राम पलाश के सूखे फूल को एक बाल्टी पानी में उबाल कर या वैसे ही भिगो कर रात भर रखें। सवेरे इसे छान लें। बाल्टी भर गाढ़ा केसरिया रंग तैयार है। इसे ऐसे ही या पतला करके प्रयोग किया जा सकता है।


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