संवाददाता
इंडेविन न्यूज नेटवर्कलखनऊ।
राजधानी में इंडियन फार्मास्यूटिकल एसोसिएशन (आईपीए) की राज्य शाखा, हाॅस्पीटल फार्मेसी फाउंडेशन, वरदान वेलफेयर सोसाइटी द्वारा पहली बार व्यापक रूप में मनाया गया तथा प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार व राज्य सरकार से मांग की गयी।
मांग में निम्न बिन्दू रखो गये हैं- जन औषधि स्टोर के लाइसेंस केवल प्रशिक्षित व पंजीकृत फार्मासिस्टस को जारी किये जायें। सरकारी अस्पतालों में जन औषधि स्टोर कार्य करने का आवेदन करने वाले फार्मासिस्ट्स का डाटा बेस साचीस द्वारा संरक्षित किया जाये ताकि कार्यदायी संस्थायें/ठेकेदार फार्मासिस्टस का आर्थिक शोषण न कर सकें। भारत सरकार के फार्माकोविजिलेन्स प्रोग्राम दिशा निर्देश अनुरूप दवा प्रयोग से कुप्रभाव की जांच हेतु एडवर्स ड्रग रिएक्शन माॅनिटरिंग सेंटर (एएमसी) हर बड़े चिकित्सालय में खोला जाये। प्रदेश को दवा आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रस्तावित फार्मा पार्क की भारत सरकार से शीघ्रातिशीघ्र स्वीकृति हेतु कारगर उपाय किये जाये।
सप्ताह के समापन पर जन औषधि प्रोत्साहन व मरीजों को जेनेरिक औषधियों के प्रति जागरूक करने हेतु राम शंकर कनौजिया, रेखा जायसवाल, अभिजीत द्विवेदी, एस.एन.मिश्रा, आर.पी.सिंह, आर.पी.गुप्ता, दायी नवीन गुप्ता को फार्मेसी की तरफ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयोजक-सचिव आर.ए.गुप्ता ने प्रेस को बताया कि प्रदेश में फार्मा पार्क स्थापना की स्वीकृति भारत सरकार से जारी कराने हेतु प्रयास करने के लिये राज्य के सभी संसद सदस्य को एसोसिएशन द्वारा अनुरोध पत्र प्रेषित किया गया है। गोष्ठियों में बीपीपीआई, स्वयं सेवी संस्था, चिकित्सक, जन औषधि स्टोर संचालक-फार्मेसिस्ट तथा सरकारी-निज क्षेत्र सेवा के फार्मासिस्ट प्रतिनिधियों ने भाग लिया।