हरिकेश यादव -संवाददाता इंडेविन टाइम्स
अमेठी।
रायदैपुर गांव को जोड़ने के लिए तत्कालीन विधायक कांग्रेस रामहर्ष सिंह ने वरिष्ठ नेता रामनरेश शुक्ला के पहल पर सडक का निर्माण विराहिमपुर से रायदैपुर तक सपंर्क मार्ग ग्रामीण विकास अभियंत्रण सेवा प्रखंड सुलतानुपर इकाई से करवाया था। लेकिन अब सड़क के बोल्डर उधड चुके है व पटरी क्षतिग्रस्त है। लोगों अपनी फरियाद शासन प्रशासन तक उठाते है। लेकिन प्रशासन दबी जुबान से कुछ कर पाने में अपने आप को अक्षम बताने को भरपूर कोशिस करता है।
अमेठी सांसद स्मृति ईरानी के दौरे पर दर्जनों ग्रामीण ने वाराणसी-लखनऊ रेलखंड पर इब्राहिमपुर रेलवें का्रसिंग के निर्माण की मांग उठाई और गांव को पक्की सडक से जोड़ा जाय। गांव में हल्ला मचा कि इबाहिमपुर रेलवें क्रासिंग पर अण्डरपास का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। लेकिन रेलवें मंत्रालय ने यह अण्डरपास साप-छछुंदर की गति को पहुच गया और सडक का पुनर्निर्माण भी नही हुआ।
इस मार्ग से आने-जाने वाले गांव गंगौली, भुसहरी, महसौ, ज्ञानचन्द्रपुर, बनकटवा, बिराहिमपुर, चचकापुर, आदि गांव के लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है।
ग्रामीण अमेठी सांसद और अमेठी विधायक से पुरर्जोर मांग कर रहे है कि इब्राहिमपुर रेलवें क्रांसिंग पर अण्डरपास का निर्माण करवाया जाय। विशेरषरगंज, गंगौली, रायदैपुर मार्ग को चचकापुर इब्राहिमपुर गांव तक सड़क का निर्माण फिर से करवा जाय यही नही रायदैपुर से विराहिमपुर तक आरईएस से निर्मित सडक को लोकनिर्माण विभाग प्रांतीय खंड अमेठी को स्थानान्तरण करवाया जाय नही तो ग्रामीण अब चुप नही बैंठेेेगे और सडक पर उतरने के लिए मजबूर हो चले है।
गांव के हौसिला प्रसाद मिश्र बताते है कि सायकिल हाथ से उठाकर वाराणसी लखनऊ रेलख्ंाड को जान जोखिम में डालकर पार करते है। मैंने बहुत राजनीति देखी लेकिन अफसोस है कि अमेठी की राजनीति पर जहाॅ लोगों के विकास में ईष्र्या का द्वद्व भरा है। विधायक और सांसद दोनों सरकारी कार्यक्रमों में व्यस्त है और उद्घाटन शिलान्यास की लीला नित दिखा रहे है। अब लोगों में अपने विकास को लेकर सजग दिख रहे है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया मेरी बात सुनी नही जाती लेकिन पार्टी का वफादार सिपाही हूॅ। असुविधा कोे दरकिनार कर फिरभी राजनीति में सक्रिय हूॅ। पूर्व प्रधान रायदुपुर मोहम्मद कासिम बताते है कि कई बार ग्रामीणों के संग प्रदर्शन भी किया लेकिन यह सरकार सुनने को राजी नही है और जनप्रतिनिधि तो सुभानल्लाह है। पहली बात तो मिलेगे ही नही अगर मिलेगे तो वायदा करेगे लेकिन उस वायदो को पूरा करने के लिए कोशिस नही करेगे। अब तो सायकिल से गांव के लोग आते है जानजोखिम में डालकर नही तो 5 किलोमीटर पश्चिम और 5 किलोमीटर पूरब सफर कर लोग अमेठी शहर आते है। हमें तो अमेठी के थोथे विकास करने के वायदे पर हंसी आती है।