हरिकेश यादव/डा०विनोद कबीर की संयुक्त रिपोर्ट -संवाददाता (इंडेविन टाइम्स)
अमेठी ।
आर०आर०पी०जी०कालेज अमेठी(नैक ए ग्रेड एवं सी०पी०ई०प्राप्त संस्थान)द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के अन्तिम दिन आज मुख्य अतिथि के रूप मे पधारे प्रो०हरेन्द्र प्रताप सिंह,संयुक्त शिक्षा निदेशक ,उच्च शिक्षा उ०प्र०सरकार ने अपने वक्तव्य मे डिजटलीकरण द्वारा उच्च शिक्षा के विकास पर प्रकाश डाला इसके अलावा अन्य कई वक्ताओं ने भी अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया।आभार प्रदर्शन के पश्चात सेमिनार समापन की घोषणा की गयी।संयुक्त शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा प्रो०हरेन्द्र प्रताप सिंह इस महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग मे शिक्षक भी रह चुके हैं।
रणवीर रणंजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अमेठी के वाणिज्य विभाग ने डिजिटलीकरण प्रतिस्पर्धा के युग में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए नवाचार और उद्यमशीलता की रूपरेखा विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी समापना किया गया।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि संयुक्त उच्च शिक्षा निदेशक डाॅ हीरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा भारत को वैश्विक पहचान डिजिटल शिक्षा ही दिला सकती है। समाज के हर क्षेत्र को डिजिटलीकरण ने प्रभावित किया है । डिजिटलीकरण ने सकारात्मक एंव नाकारात्मक दोनों तरह के परिवर्तन लाया है।दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर डिजिटलीकरण के द्वारा ही चला जा सकता है।
अध्यक्षता करते हुए डाॅ अनुराग अग्रवाल ने कहा कि नये नवाचार के माध्यम से उद्यमशिलता को बढ़ावा दिया जा सकता है। डाॅ नीरज शुक्ला ने कहा कि कौशल विकास के माध्यम से ही विकसित भारत का निर्माणा किया जा सकता है।आज विकास की नीतियों को एसी कमरे से बाहर निकाल कर व्यवहारिक धरातल पर लाने की जरूरत है। सरकार की नीतियों को आमआदमी तक पहुंचने के लिए राम राज्य की संकल्पना सबसे अच्छा है । जिस तरह राम सबरी के पास गये उसी तरह सरकार को आम आदमी के पहुंचने की जरूरत है ।
डाॅ बी के झा ने कहा कि आज ऐसे उद्यमियों की जरूरत है जो समाज को कुछ न कुछ दे सके। डाॅ शाह मिर्जा शाहब ने कहा कि डिजिटल साक्षरता एंव अच्छी नेटवर्किंग के बिना डिजिटलीकरण सम्भव नहीं है।
डाॅ धनन्जय सिंह ने कहा कि डिजिटलीकरण ने रोजगार के नये अवसर उत्पन्न किया है। स्वागत करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ त्रिवेणी सिंह ने कहा कि आज हर युवा डिजिटल शिक्षा के माध्यम से नया मुकाम प्राप्त कर सकता है । सभी के प्रति आभार डाॅ सुधीर सिंह ने व्यक्त किया । संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में डाॅ जयशंकर शुक्ला , डाॅ राकेश सिंह,डाॅ मनीष,गोमती राय ,दयानंद सिंह,पुनीत जायसवाल, डाॅ सन्तोष कुमार सिंह, डाॅ एम पी त्रिपाठी,डाॅ ओमप्रकाश त्रिपाठी,डाॅ अनादि मिश्रा ,शिवांस पाण्डेय, डाॅ देवेन्द्र मिश्रा आदि ने अपने शोध-पत्र को प्रस्तुत किया । संगोष्ठी का संचालन डाॅ केशरी शुक्ला ने किया।
कार्यक्रम में ओमशिव पाण्डेय, डाॅ राधेश्याम प्रसाद, डाॅ रीना त्रिवेदी, डाॅ सुधीर सिंह,डाॅ सुभाष सिंह,डाॅ कयूम खान,डाॅ अतिकुर रहमान, डाॅ राधेश्याम तिवारी , डाॅ उमेश सिंह, डाॅ अजय कुमार सिंह आदि शिक्षक एंव शोधा छात्रों ने सहभागिता किया ।