इंडेविन न्यूज नेटवर्क
सिंगापुर।
सिंगापुर पहले की तरह खुली हवा में सांस ले रहा है। कुछ सीमित पाबंदियों के बीच यहां के लोग जहां चाहे वहां घूम सकते हैं। हालांकि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह अनिवार्य है। फिलहाल एक ग्रुप में 8 से ज्यादा लोग नहीं घूम सकते हैं। बच्चे स्कूलों में लौट चुके हैं। एक साल के वर्क फ्रॉम फोम कल्चर के बाद ज्यादातर वर्कर्स दफ्तरों में लौट चुके हैं। अब मई में सिंगापुर के लोग मजबूत इकोनॉमी का सपना पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। सरकार का अनुमान है कि इस साल इकोनॉमी 4 से 6% की विकास दर हासिल करेगी, जबकि पिछले साल इकोनॉमी 5.8% तक सिकुड़ कर खराब स्थिति में पहुंच गई थी।मजबूत इकोनॉमी का संकेत सिंगापुर की कोविड संक्रमण पर जीत की कहानी को बयां करता है। अमेरिका, भारत, ब्राजील और यूरोप, दक्षिण अमेरिका और एशिया के कई देशों की तुलना में कोरोना के खिलाफ सिंगापुर की लड़ाई बहुत सफल रही है। हालांकि यहां के पैंतरे कहीं किसी और देश में आसानी से लागू नहीं किए जा सकते। जितना प्रभाव सरकार का सिंगापुर में रहा है उसकी भारत जैसे देशों में कल्पना भी नहीं की जा सकती। सरकार अब भी चुस्त और मुस्तैद है। बाहर से आए लोगों में 40 संक्रमित पाए गए हैं। इनमें वायरस की अलग म्युटेशन मिली है। दुनिया में 15 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। पर सिंगापुर में लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इधर, देश के 15% लोगों को पूरी वैक्सीन की डोज लग चुकी थी।
सार्स सेे निपटने की तैयारी काम आई, कॉन्टैक्ट ट्रेसर्स लगाए
सरकार ने बीते साल 23 जनवरी को पहला केस मिलने के बाद अब तक संक्रमण रोकने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया है। पहला केस आते ही चीन से यात्राएं रोक दीं और सीमाएं सील की। 8 फरवरी को प्रधानमंत्री ली सिएन ने संबोधन में कहा, जैसे हमने सार्स वायरस को खत्म किया, वैसे इसे भी खत्म करेंगेे। इसी समय मल्टी मिनिस्ट्री टास्क फोर्स बनाई, जिसकी भागदौड़ हेल्थ मिनिस्टर गैन किम यांग (हाल ही में वाणिज्य उद्योग मंत्री बनाए गए हैं) और राष्ट्रीय विकास मंत्री लॉरेंस वॉन्ग ने संभाली। इन्होंने रणनीति तैयार की। कॉन्टैक्ट ट्रेसर्स तैनात किए और हेल्थकेयर वर्कर्स ने यथासंभव स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मोर्चा संभाला।
शुरू में माहौल पैनिक हुआ तो फूड प्रोडक्ट बाजार से गायब हुए, दर्जनों देशों से करार कर एडवांस में खरीदीं फसलें
संक्रमण बढ़ने से अचानक लोग घबरा गए। डिब्बाबंद फूड, चावल, पास्ता के लिए लोगों का हुजूम टूटने लगा। कुछ समय में सबकुछ बिक गया। इस खरीदारी ने असली संकट की तरफ इशारा किया। सिंगापुर 90% फूड आयात करता हैै। कोरोना संकट की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित हो गई। फेयर प्राइस ग्रुप के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर सिए पेंग बताते हैं कि इस स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने स्थानीय फर्म और मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया की फर्मों से समझौते किए। पहले से तय किए एडवांस में फ्रूड प्रोडक्ट खरीदा।
90% संक्रमण वर्कर्स में मिला तो श्रमिकों को उनके घरों में ही निगरानी में रखा और संक्रमण घटकर शून्य पर पहुंच गया
12 मार्च को डब्ल्यूएचओ ने कोविड को महामारी घोषित किया तब 114 देशों में 1.2 लाख संक्रमित थे। 4300 जानें जा चुकी है। उस वक्त सिंगापुर में 178 रोगी थे। लेकिन अप्रैल से परिस्थिति बिगड़ी तो सरकार ने बिना लाग लपेट के जनता को बताया कि 3,20,000 अप्रवासी श्रमिकों, जो मुख्य तौर पर कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में काम करते थे, उनमें से 47% संक्रमित पाए गए हैं। 90% संक्रमण अप्रवासी श्रमिकों में मिला है। सरकार ने कड़े लॉकडाउन के आदेश कर दिए। अप्रवासी श्रमिकों को घरों में रख उनकी निगरानी की। लिहाजा संक्रमण घटकर लगभग शून्य पर आ गया।
जनता में कुछ लोग सेफ डिस्टेंसिंग एम्बेसडर बने, जो अपने क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग की मॉनिटरिंग करता है
1. हर ऑफिस, शॉपिंग मॉल, शिक्षण संस्था, जिम, रेस्त्रां और बार में सेफ एंट्री नामक डिजिटल चेक-इन की व्यवस्था लागू की गई है।
2. टैक्सियों में भी क्यूआर कोड स्कैन करने की व्यवस्था लागू की जा चुकी है।
3. जनता में से ही लोग सेफ डिस्टेंसिंग एंबेसडर बने जो सोशल डिस्टेंसिंग की मॉनिटरिंग करते हैं।
4. सरकार ने 5.4% दर से घटती विकास दर के बावजूद उस वक्त 11 लाख करोड़ रुपए का सहायता पैकेज घोषित किया जबकि देश में कोरोना से सिर्फ 30 मौतें ही हुई थी।
5. सरकार की तैयारी में भूमिका, उसके निष्पक्ष और लगातार जनता में सूचना संचार ने लोगों का मनोबल बढ़ाया और वे भी स्वप्रेरणा से कोरोना से लड़ने में योगदान दिया और सरकार की मदद की।