इंडेविन न्यूज नेटवर्क
इसलिए इस बात पर अचरज नहीं होना चाहिए कि 'हाथी मेरे साथी' जैसी बहुप्रतीक्षित मूवी की रिलीज टाल दी गई है। हालांकि आनंद पंडित ने 'चेहरे' को निर्धारित समय पर यानी अप्रैल के अंत में ही रिलीज करने का फैसला लिया है। इस फिल्म के निर्देशक रूमी जाफरी इस बात के लिए खुद को काफी भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला। 'बड़े मियां छोटे मियां' के लेखक के तौर पर तो 'गॉड तुस्सी ग्रेट हो' के निर्देशक के तौर पर। जाफरी का मानना है कि अमिताभ बच्चन के साथ काम करना सबसे आसान रहता है। काम करने के दौरान वे अपने आसपास मौजूद हर शख्स को बड़ा ही सहज महसूस करवाते हैं। यह पहला मौका है जब अमिताभ और इमरान हाशमी साथ काम कर रहे हैं।
इधर साइना नेहवाल का पूरा परिवार अमोल गुप्ते की 'साइना' देखने के बाद से ही बहुत आल्हादित है। यह मूवी सिनेमा हॉल्स में रिलीज हुई थी और जल्दी ही अमेजन प्राइम पर भी आने वाली है। किसी बायोपिक से पूरी तरह से संतुष्ट होना मुश्किल होता है। लेकिन 'साइना' इस मामले में अपवाद है। साइना की मां ऊषा रानी ने परदे पर साइना की मां की भूमिका निभाने वाली मेघना मलिक को फोन कर उनके काम की दिल खोलकर सराहना की। साइना की मां ने मेघना से कहा भी कि आपके हर हाव-भाव और संवाद की अदायगी से ऐसा लग रहा था मानो परदे पर मैं ही खुद को देख रही हूं।
मेघना इस फिल्म से लगभग बाहर ही थीं। जिस समय उन्हें ऑडिशन के लिए बुलाया गया था, उस समय वे मलेरिया से ग्रस्त थीं और इस वजह से शायद अच्छे से परफॉर्म नहीं कर पाई थीं। इसलिए जब ऑडिशन के कई हफ्तों बाद भी उन्हें निर्देशक की तरफ से कोई बुलावा नहीं आया तो वे बहुत निराश हो गईं। उन्हें लगा कि उनके हाथ से यह फिल्म चली गई है जबकि उन्होंने इस भूमिका के लिए काफी मेहनत की थी। तो एक दिन अचानक वे सलवार कुर्ता पहनकर और बालों की चोटी बांधकर वे आवेग में आकर निर्देशक के ऑफिस में बगैर किसी अपाइंटमेंट के पहुंच गई और हरियाणवी बोली में दो-चार डायलॉग पटक दिए। अचानक हुए इस घटनाक्रम से निर्देशक भी हक्का-बक्का रह गए, लेकिन फिर उन्होंने घोषणा कर दी कि 'ऊषा रानी' की भूमिका मेघना ही करेंगी।
करीब एक साल पहले दिवाली पर अक्षय कुमार ने अपनी नई फिल्म 'रामसेतु' की घोषणा करते हुए उसका एक पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया था। एक महीने पहले ही अक्षय कुमार मुहूर्त के लिए अयोध्या गए थे। यह एक पुरातत्वविद की कहानी है। फिल्म के निर्देशक अभिषेक शर्मा अलग-अलग जगहों पर इसकी शूटिंग करने की तैयारी कर रहे हैं। वे कहते हैं कि भारत की सांस्कृतिक संरचना के बारे में बताने का यह सबसे सही वक्त है ताकि युवा हमारी विरासत को संभालने का जिम्मा उठाने को आगे आएं। राम सेतु अतीत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाला सेतु है। इस फिल्म के क्रिएटिव प्रोड्यूसर का जिम्मा चाणक्य फेम चंद्रप्रकाश द्विवेदी संभाल रहे हैं। इसमें अक्षय कुमार एक पुरातत्वविद की भूमिका निभा रहे हैं। साल 1965 में आई गाइड में दर्शक पहली बार एक पुरातत्वविद (मार्को के रूप में किशोर साहू) से रूबरू हुए थे। अब करीब पांच दशक बाद अक्षय को इस भूमिका में देखना दिलचस्प होगा।
- भावना सोमाया जानी-मानी फिल्म लेखिका, समीक्षक और इतिहासकार हैं।