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प्रीति त्रिपाठी नई दिल्ली |
बिटिया चली है देश पराये
आंखों में आंसू,अंचरा में शक्ति
माता पिता,और भैया भतीजा
यादों का सागर,मन में विरक्ति
फूलों सा पाला, गीतों में ढाला
घर की दुलारी,कैसे हो सख्ती
बिटिया चली है देश पराये
आँखों में आंसू,अंचरा में शक्ति
क्या लेके आयी,क्या जानती हो
लोगो की बातें, कानों में चुभतीं
बिटिया चली है देश पराये
आँखों में आंसू,अंचरा में शक्ति
हर हाल में वह गृहस्थी निभाये
मंदिर का दीपक,अन्तस् में भक्ति
बिटिया चली है,देश पराये
आंखों में आंसू,अंचरा में शक्ति
माता-पिता और भैया भतीजा
यादों का सागर,मन में विरक्ति ।।