फोटो- एसडीएम अमेठी को ज्ञापन सौंपते भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष
०किसान बिल के विरोध में एसडीएम अमेठी को सौंपा ज्ञापन
०किसान यूनियन ने मनाया काला दिवस
हरिकेश यादव-संवाददाता (इंडेविन टाइम्स)
अमेठी।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के अमेठी जिलाध्यक्ष हरीश सिंह उर्फ चुन्नू ने 26 मई को काला दिवस मनाया और तीन किसान बिल वापस लेने के लिए उपजिलाधिकारी अमेठी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मांगपत्र/ज्ञापन प्रेषित किया। उपजिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री को ज्ञापन आवश्यक कार्यवाही के लिए उचित माध्यम से भेज कर कार्यवाही करवाई जायेगी।
जिलाध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन हरीश सिंह उर्फ चुन्नू ने राजीव गांधी सगरा तिराहे से यूनियन के पदाधिकारियोें ने अमेठी की सड़कों पर पैदल मार्च किया। तथा सरकार विरोधी नारे लगाये प्रधानमंत्री किसानों की मांग पूरी करो वरना कुर्सी खाली करो। देश का किसान भूखा है, प्रधानमंत्री झूठा है। किसान नगदी के संकट में पूरा देश कोरोना संकट में तीन किसान बिल वापस लो, वापस लो के नारे लगाये और महात्मा गांधी चौक, कोतवाली तिराहा होते हुए तहसील में यूनियन के पदाधिकारियों ने नारे लगाते हुए पहुंचे।
उपजिलाधिकारी के कार्यालय पर जिलाध्यक्ष चुन्नू सिंह ने ज्ञापन सौपने के पहलें उपस्थित पदाधिकारी और लोगो को संबोधित किया उन्होंने ने कहा कि उत्तर प्रदेश ही नही पूरे देश का किसान नगदी के भारी संकट से झूझ रहा है। कोविड-19 के चलते लाकडाउन के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ भारत सरकार के लागू किये गये तीनों कृषि कानूनें के प्रभाव से महंगाई चरम पर है। कोरोना महामारी के काल में रसोई गैसे आठ सौ अस्सी रुपयें सेलेंडर पेटोल और डीजल लगभग 92 रुपयें प्रति लीटर तथा सरसों का तेल 190 रुपयें प्रति लीटर बिक रहा है खाद्य पदार्थाें की बढती कीमते हम गरीब मजदूर किसानों के लिए आत्म हत्या का सबब बन रही है। हमारें परिवार को भडण पोषण संकट मंे है छः माह से इन कानूनों को वापस कराये जाने केा लेकर आंदोलनरत है। सैकडों किसानों की जान चली गयी सरकार से कोई सहायता नही मिली और किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची गयी। किसानों पर लाठियां बरसायी गयी। माताओं और बहनों को गंभीर चोटे आयी पीड़ित होकर संगठन ने काला दिवस मनाते हुए कृषि कानून वापस लिए जाय।
ज्ञापन देेने के बाद भारतीय किसान यूनियन झंडा लहराते हुए अपने पंडाल की तरफ रवाना हुए और पुलिस की खमोशी पंडाल में पहुचने के बाद धीरे-धीरे शांत हुई प्रशासन दिनभर चैकन्ना रहा। उपजिलाकारी अवकाश के बावजूद ज्ञापन देने की दस मिनट पहलें कार्यालय पर अपनी उपस्थित दर्ज करायी। कालादिवस के आयोजन पर प्रशासन ने शांति व्यवस्था को अनुकूल बनाने का भरसक प्रयास किया।पुलिस ने अलग-अलग आधा दर्जन प्रमुख तिराहे - चैराहे पुलिस की टुकडी तैनात कर रखी थी।
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