संवाददाता-इंडेविन टाइम्स
अमेठी।
०चार दिन बाद फैसला बदला कृष्णा चौरसिया वार्ड नं 28 से बनी जिला पंचायत सदस्य
० दोषी कर्मचारियों पर डीएम ने की कार्यवाही
त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन सामान्य 2021 में जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में वार्ड नंबर 28 पिछड़े वर्ग महिला के लिए आरक्षित थीं। निर्वाचन और मतगणना दोनों समय पर सम्पन्न हुआ। जिसके जोनल मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती हुई,जो पारदर्शिता के लगे थे। लेकिन इन्होंने निर्वाचन आयोग के निर्देश का कड़ाई से पालन नहीं किया। मतगणना चार्ट भी समय से नही भेजा गया। निर्वाचन अधिकारी अमेठी और सहायक निर्वाचन अधिकारी ने मतगणना चार्ट बिलम्ब से भेजा।चार्ट का मिलान हुआ।चार अप्रैल 2021 को वार्ड नंबर 28 से नीलम यादव पत्नी सुनील कुमार यादव समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशी को जीत का प्रमाण पत्र निर्वाचन अधिकारी/एडीएम अमेठी सुधीर कुमार रूंगटा ने जारी किया।
फिर वार्ड नंबर 28 में निर्वाचन आयोग के निर्वाचन अधिकारी /एडीआअमेठी सुधीर कुमार रूंगटा ने आठ अप्रैल 2021 को दूसरे प्रत्याशी कृष्णा चौरसिया पत्नी घनश्याम चौरसिया को निर्वाचित उम्मीदवार का प्रमाणपत्र जारी कर दिया है। जिसको लेकर मतदाताओं में तरह-तरह की चर्चा है। अखिर निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवार को जीत का प्रमाण पत्र दे दिया। तो दूसरा प्रमाणपत्र कैसे जारी कर दिया। आयोग ने हेराफेरी की है ,यह आरोप प्रत्याशी गीता गुप्ता ने उस वक्त लगाया था और बिरोध भी किया था। फर्जी तरीके से काम हो रहा है। लेकिन नीलम यादव को जीत का प्रमाण पत्र जारी किया। लेकिन आयोग ने नीलम यादव और कृष्णा चौरसिया को वार्ड नंबर 28 से अलग अलग तारीख में जीत का प्रमाण पत्र जारी किया। इस पर सरकार और आयोग दोनों पर जनता अंगुलियां उठा रही है। कही सरकार के दबाव में ऐसा फैसला तो नहीं किया गया। प्रशासन के अधिकारियों की बोलती ऐसी हालत में बन्द हो गईं। यही हाल रहा तो लोगों का लोकतंत्र से विस्वास उठ जायेगा।
गौरतलब है कि कि गांव पंचायत कोहारा में प्रधान पद प्रत्याशी फूल देवी पत्नी बृज लाल ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने चिन्ह आवाटंन नहीं किया ऐसा जनता द्वारा आरोप लगाया गया। यही नहीं क्षेत्र पंचायत सदस्य वार्ड नं 25 से श्यामा पत्नी राम शंकर ने बीडीसी प्रत्याशी पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था। लेकिन निर्वाचन अधिकारी अमेठी ब्लाक के चुनाव चिन्ह का आवाटंन नहीं किया और ना ही शिकायत की सुनवाई हुई। सरकार और आयोग ने जो काम किया। संविधान में अब तक नहीं हुआ। महिलाओं के अधिकारों का हनन हो रहा। चुनाव लड़ने से बंचित किया गया। लेकिन महिलाओं के सम्मान और हक में सब के सब चुप हैं। अधिकारियों ने मनमाने चुनाव के प्रमाण पत्र जारी करने में लगे हैं। अखिर अब जनता के अधिकार को कब तक दबाया जायेगा। निर्दलीय प्रत्याशी के जीत से आंखें नहीं खुली। सत्ता से दो कदम आगे सोचे। जनता आपके फैसले के इंतजार में हैं।वार्ड नं 28 का परिणाम बदलने पर सपा नेता जय सिंह यादव ने भी विरोध प्रकट किया।उनका कहना है कि सपा के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस अप्रत्याशित घटना पर अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर प्रकट की है।