इंडेविन न्यूज नेटवर्क
लखनऊ।
राजधानी में अधिकारियों के निर्देश के बाद भी निजी अस्पताल प्रति घंटे के हिसाब से वसूली कर रहे हैं। यह प्रकरण बख्शी का तालाब के रामपुर दबरई स्थित एम एस ग्रुप ऑफ़ चैरिटेबल हॉस्पिटल का है। पीड़ित नेहा बंसल ने अपने चाचा अतुल कुमार बंसल को सांस लेने में दिक्कत होने के चलते 3 मई को इस निजी अस्पताल में एडमिट करवाया था। आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें कोरोना होने की बात कही और 2 दिन में 90 हजार रुपये लेने के बाद उनसे 40 हजार रुपये अतिरिक्त मांगे। असमर्थता जताने पर अस्पताल वालों ने उनका हाफ डाला तक खड़ा करवा लिया। अस्पताल प्रशासन ने जब बिल थमाया तो पता चला कि प्रति घंटे के चार्ज से लेकर नर्स और डॉक्टर का अलग से चार्ज जोड़ कर वसूली की गई है। मरीज के भाई अनिल बंसल ने बताया कि अस्पताल में सभी मरीजों को एक साथ भर्ती किया जा रहा है। 800 रुपये घंटे के हिसाब से ऑक्सीजन मिली। वहीं सरकारी शैय्या अस्पताल के डॉ रियाज देखने आए। प्रति विजिट का चार्ज लिया गया। नर्स के लिए अलग से हजार रुपए लिए। 3 से 5 मई तक अस्पताल के सिलेंडर भरवाने के लिए उनको प्लांट में लाइन भी लगवाई गई। पुलिस केस नहीं लिख रही है।
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा कि इस मामले के लिए एक टीम भेजकर जांच की जाएगी। किसी भी हाल में मरीजों से वसूली नहीं होने देंगे।