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रोजा रह कर भी मरीजो का इलाज कर रहे चिकित्सक

 

फोटो- रोजा रहते मरीजों की सेवा कर रहे डॉक्टर


हरिकेश यादव-संवाददाता (इंडेविन टाइम्स)

अमेठी ।

रोजा रहते हुए भी अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन जनपद के मुस्लिम चिकित्सक कर रहे हैं ।देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है वायरस ने इस व्यवस्था को और हिला कर रख दिया है। भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मरीजों को कोरोना जैसी महामारी से बचाने के लिए दिन रात मेहनत कर ढाल की तरह बने हुए हैं ।इस समय रमजान का महीना होने के चलते मुस्लिम वर्ग के चिकित्सक रोजा रखते हुए भी 12 -12 घंटे भीषण गर्मी में रोजा रखते हुए मरीजों की देखभाल करना अपने आप में एक मिसाल है ।मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बनाए गए कंट्रोल रूम में तैनात डॉक्टर आरिफ इकबाल इस रमजान के महीने में लगातार रोजा रखते हुए मरीजों का इलाज के साथ-साथ उनकी देखभाल कर रहे हैं । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेटुआ में तैनात डॉक्टर शमसुज्जमां अपने कर्तव्य का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे हैं ।वहीं पर कार्य रत डॉ अबरार अहमद एवं डॉ मुसीरुद्दीन भी इस रमजान के महीने में रोजा रखते हुए मरीजों की सेवा में लगे हैं, इन चिकित्सकों का कहना है कि देश के मुश्किल दौर में काम आना अपने आप में गर्व की बात है । आपात समय में मरीजों की सेवा करना सबसे बड़ी सेवा है। डॉक्टर आरिफ इकबाल ने कहा कि कोरोना के पुराने व नवीन लक्षण-- बुखार - खांसी- शरीर दर्द अथवा सर दर्द - सांस लेने में कठिनाई ,सांस फूलना,स्वाद अथवा खुसबू महसूस न होना,बुखार के साथ दस्त, बुखार के साथ त्वचा पर चकत्ते होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं अनावश्यक ट्रीटमेंट ना करें,  इसके अलावा कोरोनाप्रोटोकाल का पालन करते हुए कार्य करें।कोरोना संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी संक्रमण का शिकार हो सकता है ।कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए साबुन-पानी से 20 सेकंड तक बार-बार हाथ धोने या अल्कोहल युक्त सैनीटाइजर से साफ करने, एक दूसरे से कम से कम दो गज  की दूरी बनाये रखने, मास्क का इस्तेमाल करें।

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