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मृतक आश्रितों को मिलेगी शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से छूट

 


लखनऊ। 

टीईटी पास मृतक आश्रितों को शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से छूट दी जाएगी। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. सतीश चन्द्र द्विवेदी द्वारा ये घोषणा करने के बाद इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई है। उन्होंने सभी जरूरी अर्हताओं को पूरा करने वाले मृतक आश्रितों को शिक्षक और लिपिक पदों पर नियुक्त करने का ऐलान किया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने तयशुदा समय में जिलों से सूचनाएं मांगी हैं। विभाग में ढाई हजार से ज्यादा मृतक आश्रितों को नियुक्ति दिए जाने की उम्मीद है।

ऐसे अभ्यर्थी जो बीएड-डीएलएड (बीटीसी) पास हैं और टीईटी उत्तीर्ण कर चुके हैं, उन्हें सुपर टीईटी यानी शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा से छूट दी जाएगी। वहीं जो मृतक आश्रित अभी डीएलएड-बीएड कर रहे हैं तो उन्हें लिपिक के पद पर नियुक्ति दी जाएगी और बाद में टीईटी पास करने पर शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाएगा।

इसके लिए कितने वर्षों की छूट दी जाएगी। यह अभी तय नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रहा है। इसे लागू करने के लिए शिक्षक सेवा नियमावली में भी संशोधन किया जाएगा। वहीं स्नातक मृतक आश्रितों को लिपिक के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। यदि लिपिक के पद नहीं है तो उन्हें सृजित किया जाएगा लेकिन आर्हता पूरी करने वाले अभ्यर्थियों को चतुर्थ श्रेणी में नियुक्ति नहीं दी जाएगी।

पिछले तीन वर्षों से नहीं हुई मृतक आश्रितों के पद पर नियुक्ति

अभी लगभग 10 हजार मृतक आश्रित विभाग में नौकरी कर रहे हैं लेकिन मृतक आश्रितों के पद पर पिछले तीन वर्षों से विभाग में नियुक्तियां नहीं हुई हैं। औसतन 300-350 अधिकारी, कर्मचारी या शिक्षकों की हर साल मौत होती है, लेकिन पिछले तीन वर्षों से कोई नियुक्ति नहीं हुई है। वहीं पंचायत चुनाव की ड्यूटी में कोरोना संक्रमित 1621 शिक्षकों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा भी कई शिक्षकों, अधिकारियों व कर्मचारियों पिछले एक वर्ष में मौत हो चुकी है।

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