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कानपुर: क्राइमब्रांच ने 3 इंटरस्टेट हैकरों को दबोचा, 206 एटीएम कार्ड और 5.50 लाख रुपए बरामद

कानपुर

क्राइम ब्रांच और कानपुर की नौबस्ता पुलिस ने शनिवार को 3 इंटरस्टेट ATM मशीन हैकरों को रंगे हाथ दबोच लिया। शातिरों के पास से 206 ATM कार्ड और करीब 5.50 लाख रुपए कैश बरामद किए गए हैं।जांच में पता चला कि शातिरों ने चंद घंटे में शहर के अलग-अलग बैंकों के ATM कार्ड हैक करके 6 लाख रुपए उड़ाए थे। हाईस्कूल और इंटर पास एटीएम हैकर अब तक बैंकों को 50 लाख से ज्यादा का चूना लगा चुके हैं। तीनों के खिलाफ नौबस्ता थाने में FIR दर्ज करके जेल भेज दिया गया।

ATM मशीन हैकरों के पीछे काफी समय से क्राइम ब्रांच और नौबस्ता पुलिस काम कर रही थी। शनिवार सुबह मोबाइल लोकेशन के आधार पर नौबस्ता चौराहे से क्राइम ब्रांच की टीम और नौबस्ता पुलिस ने एक एटीएम से छेड़खानी करके कैश निकालते तीन हैकरों को दबोच लिया। पूछताछ में तीनों जालौन के थाना कालपी के रहने वाले हैं और इनका नाम रवि कुमार, प्रमोद कुमार और नन्द किशोर है।

तलाशी के दौरान मिले 206 ATM कार्ड

तलाशी के दौरान तीनों के पास से 5.50 लाख रुपए कैश, अलग-अलग बैंकों के 206 ATM कार्ड और खातों में 3-4 लाख रुपए का बैंक बैलेंस बरामद किया। पूछताछ में रवि ने बताया कि वह हाईस्कूल पास है। जबकि अन्य दोनों हैकर इंटर पास हैं। बीते छह महीने से ATM से रुपए उड़ाने का काम कर रहे थे। देहात और सुनसान स्थानों पर बने ATM को वह अपना निशाना बनाते थे। अब तक की जांच में अभियुक्तों ने बताया कि बैंकों का करीब 50 लाख रुपए अलग-अलग ATM से उड़ा चुके हैं।

ATM मशीन के कैश शटर से छेड़छाड़ कर निकालते थे रकम
पूछताछ के दौरान शातिरों ने बताया कि ATM से कैश निकालते समय मशीन के कैश शटर को पकड़ कर रखते थे। कैश तो निकलकर आता था, लेकिन शटर से छेड़छाड़ करने के चलते ट्रांजेक्शन डिक्लाइन का मैसेज आ जाता था। उसके बाद बैंक के टोल फ्री नं0 पर बात करके अभियुक्त शिकायत दर्ज करते थे कि बैंक खाते से पैसा कट गया है, लेकिन ATM से पैसा नहीं निकला। इसी तरह बैंकों से शिकायत के बाद भी बैक से पैसा रिफंड कर दिया जाता था।

गरीबों को गुमराह करके लिए थे 206 ATM
पकड़े गये अभियुक्त किसी के भी नाम पर फर्जी खाता खुलवाकर उसका एटीएम हासिल कर लेते थे। यह खाते सब्जी वाले, कबाड़ी वाले या फिर कोई भी व्यक्ति जिसे पैसे की जरूरत होती थी। हैकर उसे चार से पांच हजार रुपये देकर उसकी डिटेल पर खाता खुलवा लेते थे और खाता खुलने के बाद उसका डेबिट कार्ड पिन कोड सहित ले लेते थे। इसके साथ ही गांव के लोगों या कम पढ़े लिखे लोगों को गुमराह करके उनका एटीएम किराए पर लेकर ठगी में इस्तेमाल कर रहे थे।

206 ATM कार्ड का पासवर्ड याद रखने का था नायाब तरीका
गिरफ्तार युवकों के पास से 206 एटीएम बरामद हुए। पुलिस ने पूछा कि इतने एटीएम का पासवर्ड कैसे याद रखते हो। हैकरों ने बताया कि डेबिट कार्ड का पिन याद रखने के लिए कार्ड के सीवीसी में एक अंक जोड कर लिख देते थे, जिससे एटीएम का पिन आसानी से याद रहे। इस प्रकार एटीएम लेने के बाद यह लोग सिर्फ कानपुर और यूपी ही नहीं कई जिलों और राज्यों के एटीएम से रुपए उड़ाने का काम करते थे।

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