लखनऊ
उत्तर प्रदेश की एक एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने आम आदमी पार्टी के यूपी के प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अनूप संडा समेत अन्य आरोपियों के मुकदमे की वापसी की अर्जी खारिज कर दी है। इसके साथ ही साक्ष्य की कार्यवाही के लिए 19 जुलाई की तिथि तय की है।
अदालत के विशेष न्यायाधीश पीके जयंत ने सोमवार को संजय सिंह और अनूप संडा समेत अन्य आरोपियों के मुकदमें की वापसी की शासन की सिफारिश पर सुनवाई की और मामला वापसी की अर्जी को निराधार मानते हुए इसे खारिज कर दिया। उन्होंने मुकदमे को साक्ष्य की कार्यवाही के लिए19 जुलाई की तारीख तय की है।
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र से जुड़ा है। यहां पर पुलिस द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के अनुसार 19 जून 2001 को पूर्व विधायक अनूप संडा व उनके तत्कालीन प्रतिनिधि संजय सिंह (अब आप सांसद) और उनके सैकड़ों समर्थकों ने बिजली-पानी की समस्या को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया था।इससे अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस और तत्कालीन उपनिरीक्षक अशोक कुमार सिंह के साथ आरोपियों की नोकझोंक भी हुई थी।
सरकारी अधिवक्ता अतुल शुक्ला ने बताया कि इस घटना के सम्बंध में तत्कालीन कोतवाली नगर के उप निरीक्षक अशोक सिंह ने नगर कोतवाली में पूर्व सपा विधायक अनूप संडा व संजय सिंह समेत सात नामजद व 35 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उपरोक्त मामले में सात आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल हुआ है। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में चल रही है।
मामले में साक्ष्य की कार्यवाही चल रही थी, इसी बीच शासन की सिफारिश पर अभियोजन पक्ष ने मुकदमा वापसी पर उचित फैसला लेने की अदालत से मांग भी की थी, लेकिन मुकदमा वापसी पर सुनवाई के दौरान सरकार पक्ष व बचाव पक्ष के अधिवक्ता शासन की मांग को जायज नहीं साबित कर सके। नतीजतन न्यायाधीश पीके जयंत ने अर्जी को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया है।
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