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कोरोना का जोखिम बड़ों से छोटे बच्चों में शिफ्ट होने का खतरा

ओस्लो

दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस का जोखिम बड़ों से बच्चों में शिफ्ट होने की संभावना है। गुरुवार को प्रकाशित एक मॉडलिंग अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) अगले कुछ वर्षों में अन्य सामान्य जुकाम वाले कोरोना वायरसों की तरह व्यवहार कर सकता है। यह वायरस ज्यादातर छोटे बच्चों को प्रभावित करेगा, जिन्हें अभी तक टीका नहीं लगाया गया है।

बच्चे संक्रमित तो होंगे, लेकिन खतरा काम
इस स्टडी में शामिल यूएस-नॉर्वेजियन टीम ने देखा कि चूंकि COVID-19 की गंभीरता आमतौर पर बच्चों में कम होती है, इसलिए इस बीमारी से खतरा कम होने की उम्मीद है। इस वायरस के नए-नए वैरियंट सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन करने वाले देशों में संक्रमण की रफ्तार को तेज कर रहे हैं। इस बीच अमेरिका की लोक स्वास्थ्य एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अगले चार हफ्तों में देश में कोविड-19 के मरीजों के अस्पतालों में भर्ती होने और उनकी मौतें होने की संख्या में खासी वृद्धि हो सकती है।

बड़ों से बच्चों की तरफ शिफ्ट होगा संक्रमण
नॉर्वे में ओस्लो विश्वविद्यालय के ओटार ब्योर्नस्टेड ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद तेजी से गंभीर परिणामों और उम्र के साथ घातक होने का स्पष्ट संकेत मिला है। फिर भी, हमारे मॉडलिंग परिणाम बताते हैं कि संक्रमण का खतरा बड़ों से बच्चों की तरफ शिफ्ट होगा। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि वयस्क आबादी ने या तो वैक्सीनेशन करवाकर या फिर वायरस के संपर्क में आकर खुद के अंदर इम्यून को विकसित कर लिया है।

प्रतिरक्षा कमजोर हुई तो गंभीर असर डालेगा वायरस
ब्योर्नस्टैड ने हालांकि आगाह किया कि अगर वयस्कों में SARS-CoV-2 के फिर से संक्रमण के लिए प्रतिरक्षा कम हो जाती है, तो बीमारी का बोझ अधिक रह सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वयस्क आबादी पिछले बार वायरस के संपर्क में आई है तो इससे बीमारी की गंभीरता कम हो जाएगी।
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