लखनऊ
नई स्क्रैप पॉलिसी के लागू होने के साथ ही यूपी के 21,23, 813 वाहन चरणबद्ध तरीके से स्क्रैप किए जाएंगे। इसमें राजधानी के 3,45,290 वाहन शामिल हैं। यूपी में सबसे ज्यादा पुराने वाहनों की संख्या लखनऊ में है। नई पॉलिसी आने के साथ-साथ परिवहन विभाग ने सभी आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों में पंजीकृत कमर्शल न निजी वाहनों की सूची तैयार कर ली है। अफसरों का दावा है कि जैसे ही सरकार के निर्देश मिलेंगे वाहनों को एनआईसी के सर्वर से डि-रजिस्टर कर दिया जाएगा।15 साल से ज्यादा पुराने कमर्शल वाहन हुए स्क्रेप
नई पॉलिसी के अनुसार, अब 20 साल से अधिक पुराने निजी वाहनों व 15 साल से ज्यादा पुराने कमर्शल वाहनों के स्क्रैप बनने की राह साफ हो गई है। हालांकि विंटेज गाड़ियों को स्क्रैप पॉलिसी से छूट मिलने से उनके मालिकों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
नई पॉलिसी के अनुसार, अब 20 साल से अधिक पुराने निजी वाहनों व 15 साल से ज्यादा पुराने कमर्शल वाहनों के स्क्रैप बनने की राह साफ हो गई है। हालांकि विंटेज गाड़ियों को स्क्रैप पॉलिसी से छूट मिलने से उनके मालिकों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
लखनऊ में सबसे ज्यादा हैं पुरानी गाड़ियां
प्रदेश में सबसे ज्यादा पुरानी गाड़ियां राजधानी में ही हैं। ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में आज की तारीख में 20 साल से ज्यादा पुरानी 3,22,854 निजी गाड़ियां पंजीकृत हैं। जबकि देवां रोड एआरटीओ में दर्ज पुराने निजी वाहनों की संख्या 9213 है। जबकि ट्रांसपोर्टनगर 15 साल से अधिक पुराने कॅमर्शल वाहनों की संख्या 14,223 है। यह वाहन पहले चरण में ही स्क्रैप कर दिए जाएंगे।
प्रदेश में सबसे ज्यादा पुरानी गाड़ियां राजधानी में ही हैं। ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में आज की तारीख में 20 साल से ज्यादा पुरानी 3,22,854 निजी गाड़ियां पंजीकृत हैं। जबकि देवां रोड एआरटीओ में दर्ज पुराने निजी वाहनों की संख्या 9213 है। जबकि ट्रांसपोर्टनगर 15 साल से अधिक पुराने कॅमर्शल वाहनों की संख्या 14,223 है। यह वाहन पहले चरण में ही स्क्रैप कर दिए जाएंगे।