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राजकीय निर्माण निगम विभाग के ही स्टाफ ने रिटायर्ड सहायक लेखाकार को मृत दिखाकर हड़पे ईपीएफ के रुपये

लखनऊ

राजकीय निर्माण निगम में क्लर्क ने रिटायर्ड सहायक लेखाकार को मृत दिखाकर उसके ईपीएफ के 4.18 लाख रुपये हड़प लिए। पीड़ित की शिकायत पर विभागीय जांच हुई तो फर्जीवाड़ा सामने आया। जांच में यह भी सामने आया कि क्लेम व डिस्पैच रजिस्टर भी गायब कर दिया गया।

फर्जीवाड़े में ईपीएफ कार्यालय के कर्मचारी की मिलीभगत भी सामने आई है। इस मामले में राजकीय निर्माण निगम महाप्रबंधक ने हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

रिटायर्ड सहायक लेखाकार ने की थी शिकायत
राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के अंचल-1 कार्यालय अशोक मार्ग में जितेंद्र कुमार महाप्रबंधक हैं। उनके कार्यालय में तैनात रहे रिटायर्ड सहायक लेखाकार सुशील शर्मा ने विभाग को बताया कि उसके कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के अंशदान के रुपये उसके नियमित ईपीएफ खाते में ट्रांसफर नहीं किए गए हैं। इस पर महाप्रबंधक ने जांच कमिटी का गठन किया।

जुलाई 2014 तक ट्रांसफर कर ली पूरी रकम
जांच में पता चला कि वर्ष 2014 में सुशील शर्मा के मस्टर रोल अवधि के सेवा के अंशदान को क्लर्क रविंद्र कुमार वर्मा ने अपने व कथित पत्नी रेशमा के संयुक्त खाते में 1 अप्रैल 2014 को ईपीएफ धनराशि 3,58,428 ट्रांसफर कर दी। इसके अलावा 5 जुलाई 2014 को ईडीएलआईएस की धनराशि 60 हजार रुपये भी खाते में ट्रांसफर कर ली।

इस फर्जीवाड़े में आरोपी रविंद्र कुमार वर्मा ने सुशील के अभिलेखों में हेरफेर कर उसे मृत दिखा दिया। जांच से पता चला कि आरोपी रविंद्र कुमार वर्मा ने जाली दस्तावेज की मदद से फर्जीवाड़ा कर सुशील शर्मा के 4,18,428 रुपये हड़पे हैं। यह भी सामने आया कि आरोपी रविंद्र कुमार ने कार्यालय के क्लेम व डिस्पैच रजिस्टर भी गायब कर दिए।

हजरतगंज थाने में दर्ज हुई एफआईआर
आरोपी की करतूत से निगम को लाखों की क्षति हुई है। जांच समिति को शक है कि आरोपी की इस करतूत में ईपीएफ कार्यालय के अन्य कर्मचारियों की भी मिलीभगत है। महाप्रबंधक जितेंद्र कुमार ने मामले की शिकायत हजरतगंज पुलिस से की। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर मामले की पड़ताल की जा रही है।
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