भारत शुक्रवार को पहला मिसाइल ट्रैकिंग शिप 'ध्रुव' लॉन्च करेगा। परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइन को ट्रैक करने वाला ये भारत का पहला जहाज होने वाला है। इस तकनीक से लैस भारत दुनिया का पांचवा देश बनेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल विशाखापट्टनम में 'ध्रुव' को लॉन्च करेंगे।
मिसाइल को ट्रैक करने वाले ये जहाज रडार और एंटीना से लैस होते हैं। जिनका काम दुश्मन की मिसाइल और रॉकेट को ट्रैक करना होता है। ट्रैकिंग शिप की शुरुआत अमेरिका से हुई, जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के बचे हुए जहाजों को ट्रैकिंग शिप में बदल दिया।
'डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइनजेशन' , 'नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन' और भारतीय नौसेना ने मिलकर 'ध्रुव' को तैयार किया है। ध्रुव को तैयार करने का काम जून 2014 में शुरू हुआ। 2018 में ये तैयार हो गया और फिर 2019 से इसका समुद्र में परीक्षण किया जाने लगा।
ध्रुव जहाज रडार टेक्नोलॉजी की सबसे उन्नत तकनीक 'इलेक्ट्रिॉनिक स्कैन्ड अरे रडार्स' से लैस है। इसके जरिए दुश्मन की सैटेलाइट्स, मिसाइल की क्षमता और टार्गेट से उसकी दूरी जैसी चीजों का पता लगाया जा सकता है। ध्रुव परमाणु मिसाइल, बैलेस्टिक मिसाइल और जमीन आधारित सैटेलाइट्स को भी आसानी से ट्रैक कर सकता है।