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कानपुर: रीजेंसी हॉस्पिटल पर कोरोना के दौरान मरीज का अंग निकालने का आरोप, डायरेक्टर, पांच डॉक्टर और ICU स्टाफ फंसे

Saturday, September 11, 2021

/ by इंडेविन टाइम्स

कानपुर 

कानपुर के दो बड़े हॉस्पिटल रीजेंसी और कानपुर मेडिकल सेंटर (KMC) के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की है। दोनों अस्पतालों के प्रबंधकों और डॉक्टर्स पर कोरोनाकाल के दौरान मरीजों के परिजन से लाखों रुपए वसूलने का आरोप लगा है। रीजेंसी में एक मरीज के अंग निकालने का भी आरोप है।

कोर्ट के आदेश के बाद रीजेंसी के खिलाफ स्वरुपनगर थाने में और KMC के खिलाफ नजीराबाद थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस के मुताबिक, रीजेंसी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर, पांच डॉक्टरों और आईसीयू स्टाफ के खिलाफ FIR हुई है, जबकि कानपुर मेडिकल सेंटर (KMC) के प्रबंधक और एक डॉक्टर पर आरोप लगे हैं।

मरीज का अंग निकालने और 11.25 लाख वसूलने का आरोप
स्वरूप नगर में रहने वाले रोहन टंडन का आरोप है कि उनके पिता सतीश चंद्र टंडन (65) की कोविड रिपोर्ट एक अगस्त 2020 को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्होंने उनको रीजेंसी अस्पताल गोविंद नगर में भर्ती कराया था। आरोप है कि तीन दिन बाद उनके पिता ने फोन कर बताया कि ऑक्सीजन की पाइप निकल गई है, लेकिन कोई देखने वाला तक नहीं है।

हालत बिगड़ने पर 3 अगस्त को उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया और 25 अगस्त को उनकी मौत हो गई। रोहन का आरोप है कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने भर्ती होने के दौरान मरीज को देखने तक नहीं दिया और न कोई जानकारी दी। इलाज में लापरवाही की वजह से उनके पिता की मौत हो गई। कोरोना के इलाज के नाम पर 14.56 लाख रुपए का बिल बना दिया था। इतना ही नहीं मेडिक्लेम से भुगतान होने के बावजूद उनसे 11 लाख 25 हजार रुपए वसूले गए। डेथ घोषित करने के बाद शव को करीब 15 घंटे अस्पताल में रखा गया। उन्होंने अंग निकालने की भी आशंका जताई है।

स्वरूपनगर इंस्पेक्टर अश्विनी पांडेय ने बताया कि हॉस्पिटल के एमडी अभिषेक कपूर, डॉ. विनीत रस्तोगी, डॉ. राजीव कक्कड़, डॉ. शिखा सचान, डॉ. आदित्यनाथ शुक्ला, डॉ. अपूर्व कृष्णा और आईसीयू स्टाफ के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। केस की विवेचना शुरू कर दी गई है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई FIR, पुलिस ने टरका दिया था
कोरोना के इलाज के नाम पर लूटपाट और मरीजों का ढंग से इलाज नहीं करने पर कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। दोनों ही अस्पतालों के खिलाफ पहले पुलिस अफसरों से कंप्लेन की गई थी, लेकिन मामला बड़े अस्पतालों का होने के चलते दबा दिया गया था। इसके बाद पीड़ित परिवारों ने एफआईआर दर्ज करने के लिए कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई। कोर्ट ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए मालिक समेत डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।

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