कानपुर
प्रदेश के पहले रामायण थीम पार्क की शुरुआत कानपुर में हो गई। सोमवार को विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर इसका ट्रायल पूरी तरह सफल रहा। 3 साल में बनकर तैयार हुए इस पार्क में पूरे त्रेतायुग के दर्शन डिजिटली होंगे। इसमें श्रीराम के जीवन, रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास का जीवन, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड को डिजिटली देखा और पढ़ा जा सकता है।
कानपुर के मोती झील स्थित तुलसी उपवन पार्क में इसका निर्माण करीब 6 करोड़ रुपए से किया गया है। इसमें साढ़े 3 करोड़ रुपए, भगवान श्रीराम के जीवन को डिजिटली दिखाने के लिए खर्च किए गए हैं। थीम पार्क के इनडोर हॉल में 4 बड़ी स्क्रीनों पर 15 मिनट की पूरी स्टोरी में श्रीराम के जन्म से लेकर उनके वनवास तक के जीवन को दिखाया गया है। इसमें चित्रकूट और अयोध्या को दर्शाया गया है।
थीम पार्क के आउटडोर एरिया में 75 मीटर के बड़े स्क्रीन पर श्रीराम के जीवन के साथ रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास के जीवन को भी दिखाया गया है। 17.57 मिनट की मूवी में दर्शाया गया है कि कैसे तुलसी जी ने अपने बचपन के नाम 'रामबोला' से लेकर तुलसीदास बनने तक के सफर को पूरा किया।इसके बाद तुलसी जी ने कब चित्रकूट में बैठकर रामचरित मानस लिखी। मूवी में यह बेहतर तरीके दर्शाया गया है। सोमवार को ट्रायल के दौरान सांसद देवेंद्र सिंह भोले और कमिश्नर डॉ राज शेखर मौजूद रहे।
थीम पार्क के निर्माण से जुड़े मुकुल रावत ने बताया कि सुंदर कांड और हनुमान चालीसा को डिजिटली पढ़ सकते हैं। 5 महीने की मेहनत के बाद उन्होंने इसे तैयार किया है। तैयार की गई मूवी खुद ही उन्होंने पूरी डिजाइन की है।थीम पार्क में डिजिटली एक किताब तैयार की गई है। इसमें लोग बिल्कुल किताब की तरह ही 12 पेज में सुंदरकांड और 3 पेज में हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं। पन्ने पलटने के लिए सेंसर भी लगाए गए हैं।
थीम पार्क चलने वाली मूवी में कानपुर से लेकर चित्रकूट और सरयू के घाटों के अद्भुत नजारों को दिखाया गया है। कनक मंदिर, भारद्वाज ऋषि के आश्रम के अनछुए पहलुओं, बिठूर स्थित सीता रसोई और लव-कुश आश्रम के भी दर्शन मूवी के माध्यम से होंगे। इसके अलावा श्रीराम और सीता ने जहां-जहां अपना जीवन व्यतीत किया, उन सभी को मूवी में दिखाया गया है।