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ASI को मिला 2000 साल पुराना मौर्यकालीन ईंटों से बना ढांचा

Wednesday, September 29, 2021

/ by इंडेविन टाइम्स

मेरठ

ऐतिहासिक नगरी मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र स्थित विकासपुरी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को मौर्यकालीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं। माना जा रहा है कि यहां तीन मीटर टीले से मिली ईंट,पत्थर व अन्य सामग्री मौर्य काल से जुड़ी है।

विभाग का मानना है कि यहां मिली सामग्री से लगता है कि यह 2000 से 2300 साल पुराने हैं। संभावना जताई जा रही है कि जमीन के नीचे प्राचीन काल की बस्ती खंडहर के रूप में दफन हो। विभाग जल्द ही प्रशासन को पत्र लिखकर इस स्थान को संरक्षित करने की मांग करेगा, जिससे इस क्षेत्र का गहराई से सर्वेक्षण किया जा सके।

दीवार और मिट्टी के बर्तन मिले
मेरठ सर्किल के पुरातत्व विभाग के पुरातत्व अधीक्षक डी. वी. गणनायक की निगरानी में टीम ने विकासपुरी बिजली घर के पास टीले का सोमवार को सर्वेक्षण किया था। यहां उन्हें प्राचीन काल की दीवार और मिट्टी के बर्तन मिले। दीवार में लगी ईंट 42 सेंटीमीटर लंबी, 26 सेंटीमीटर चौड़ी और 8 सेंटीमीटर मोटी है।

मौर्यकाल की दीवार और बर्तन
पुरातत्व अधीक्षक ने बताया कि यहां मिली सामग्री मौर्यकाल की प्रतीत होती है। उन्होने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस स्थान के नीचे प्राचीन काल की बस्ती खंडहर के रूप में मौजूद हो। श्री गणनायक ने बताया कि दिल्ली में हिंदूराव अस्पताल के पास दिल्ली-मेरठ लिखे शिलालेख के साथ पिलर लगा है।

ब्रिटिश काल में मेरठ लाया गया
माना जाता है कि वह पिलर ब्रिटिश काल में मेरठ से ले जाकर वहां लगाया गया। मेरठ के किस स्थान से उसे ले जाया गया, इसकी सही जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। विकास पुरी में मिले प्रमाण से ऐसा लगता है कि शायद वह पिलर यहां से दिल्ली ले जाया गया हो। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

पुरातत्व अधीक्षक ने बताया कि जल्द ही प्रशासन का पत्र लिख कर इस स्थान को संरक्षित कराया जाएगा, जिससे इस जगह के सर्वेक्षण का काम आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण स्थल के आसपास काफी निर्माण हो चुका है। इसके लिए कोई रास्ता निकाला जाएगा।
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