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कंपनियों की एजेंसी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, तीन आरोपी गिरफ्तार

Wednesday, September 29, 2021

/ by इंडेविन टाइम्स

लखनऊ

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मंगलवार को पुलिस कमिश्नरेट की साइबर सेल टीम ने अलग-अलग कम्पनियों की एजेंसी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया। साइबर सेल की टीम के अनुसार, आरोपियों को लखनऊ में एफआईआर दर्ज होने के बाद छानबीन के दौरान बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया गया। ठगी करने वाले इस गिरोह के अन्य दो सदस्य फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

तेल का व्यापार कराने के नाम पर हड़पे 3 लाख
साइबर सेल की टीम ने बताया कि बीते दिनों लखनऊ के आशियाना थाने में ठगी का शिकार हुए पीड़ित की तहरीर के आधार पर गिरोह के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। पीड़ित ने तहरीर में बताया था कि गिरोह ने उससे लिंगो लिक्विड ऑयल का व्यापार कराने के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए 3 लाख रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। पीड़ित की शिकायत पर साइबर सेल की टीम ने जांच करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।

साथ ही गिरोह से जुड़ी सभी जानकारियां जुटाई गईं। इसी बीच मंगलवार को आरोपियों की तलाश में बिहार के नालंदा पहुंची साइबर सेल की टीम ने बिहार के रहने वाले सच्चिदानन्द, शिवेंद्र व विवेकानन्द न्याम के 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने खोले कई राज
एसीपी साइबर सेल विवेक रंजन ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों ने अभी तक की गई ठगी से जुड़े कई बड़े राज खोले। आरोपियों से हुई पूछताछ में पता चला कि जौनपुर के सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले एक युवक से इस गिरोह ने 1 करोड़ 25 लाख की ठगी की थी। उस दौरान गिरोह ने KIA कम्पनी की फर्जी तरीके से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर पीड़ित को अपना शिकार बनाया था।

उन्होंने बताया कि जौनपुर में ठगी का शिकार हुए पीड़ित ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट का धन्यवाद करते हुए अपनी विवेचना लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के साइबर सेल के हाथों में सौंपने की इच्छा जताई है। इसी के साथ ही उन्होंने बताया कि इस गिरोह के दो अन्य सदस्य (कन्हैया कुमार और सुमन कुमार) फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

अधिकारी और कर्मचारी बनकर करते थे ठगी
आरोपियों ने गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में बताया कि उनका गिरोह अलग-अलग कम्पनियों के अधिकारी और कर्मचारी बनकर लोगों से कम्पनी की एजेंसी दिलाने की बात करता था। फिर झांसे में आए लोगों को विश्वास दिलाने के लिए फर्जी वेबसाइट डिजाइन करते हुए उस वेबसाइट के माध्यम से फर्जी डॉक्युमेंट तैयार कर उनके पास भेजा जाता था। साइबर सेल की टीम ने बताया कि कुछ समय बाद जब लोगों को आरोपियों पर भरोसा हो जाता तो उनसे सिक्योरिटी के नाम पर अपने फर्जी अकाउंट्स में मनचाहा रुपया ट्रान्सफर करा लेते थे।

पैसा ट्रांसफर होने के बाद ठगी में प्रयोग होने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल, सिम, लैपटॉप आदि व फर्जी डॉक्युमेंट को नष्ट कर दिया जाता था। गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के पास से 30 लाख रुपये नगद व एक कार बरामद की गई है।
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