मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने यथास्थिति बनाए रखने और रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है। रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी बना रहेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि नीतिगत रुख "समायोज्य" बना हुआ है। केंद्रीय बैंक को व्यापक रूप से ब्याज दरों को स्थिर रखने की उम्मीद थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया। रेपो दर को चार प्रतिशत पर कायम रखा। भारतीय रिजर्व बैंक वृद्धि के टिकाऊ आधार पर पुनरुद्धार के लिए अभी अपने नरम रुख को जारी रखेगा। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 की शुरुआत के बाद से केंद्रीय बैंक से 100 से अधिक उपाय किए हैं। शक्तिकांत दास ने कहा, मांग में कमी, त्योहारी सीजन से शहरी मांग को बढ़ावा मिल सकता है। अगस्त-सितंबर में मांग में सुधार ने रफ्तार पकड़ी। कैप माल के आयात में तेजी गतिविधि में कुछ सुधार की ओर इशारा करती है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 9.5 प्रतिशत पर कायम रखा।
अर्थव्यवस्था पर महामारी का असर
भारतीय रिज़र्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस अवधि में अर्थव्यवस्था को महामारी के कहर से बचाने के लिए रिजर्व बैंक ने अप्रत्याशित संकट से निपटने के लिए 100 से अधिक उपाय किए हैं। हमने वित्तीय बाजार को चालू रखने के लिए नए और अपरंपरागत उपाय करने में संकोच नहीं किया है। पिछली एमपीसी बैठक के तुलना में आज भारत बहुत बेहतर स्थिति में है। विकास की गति मजबूत होती दिख रही है। मुद्रास्फीति ट्रेजेक्टरी अनुमान से अधिक अनुकूल हो रही है।