देहरादून
पर्वतारोहण के लिए उत्तराखंड के माउंट त्रिशूल पर जा रहे नेवी के पांच जवान हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद से लापता हो गए। उनके साथ जा रहा एक पोर्टर (कुली) भी लापता है। चमोली जिले में आज सुबह हुए हादसे के बाद से जवानों समेत छह लोगों की तलाशी के लिए अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं जुटाया जा सका है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पर्वतारोहियों की खोज में उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) का एक दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गया है। दल का नेतृत्व संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट कर रहे हैं। निम के अनुसार, भारतीय नौसेना की एडवेंचर विंग ने सुबह करीब 11 बजे राहत एवं बचाव के लिए निम के तलाश एवं बचाव दल से मदद मांगी। लापता पर्वतारोहियों की खोज के लिए सेना का बचाव दल भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गया है। नौसेना का 20 सदस्यीय दल करीब 15 दिन पहले 7120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी के आरोहण के लिए गया था।
उधर, चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा कि अभी इस बारे में उनके पास कोई अधिकृत सूचना नहीं है लेकिन मामले से संबंधित सूचना जुटाई जा रही है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन ने अपनी टीमें घटनास्थल की तरफ रवाना की हैं, लेकिन उन्हें भी लापता जवानों का सुराग नहीं मिल सका है। बताया जा रहा है कि मौसम खराब होने की वजह से लापता लोगों का सुराग जुटाने में काफी परेशानी हो रही है। अभियान में सेना, वायु सेना और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल का बचाव दल और हेलीकॉप्टर शामिल है।