उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा चलाई जा रही अवास योजना एवं मनरेगा की मजदूरी में हेराफेरी के आरोप में चकिया की तत्कालीन बीडीओ सरिता सिंह पर सख्त कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि भ्रष्टाचार में संलप्ति होने की शिकायत स्थानीय लोगों ने डीएम से की थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। वीडीओ सहित चार कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। वहीं इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें पीएम आवास योजना व सीएम योजना में भ्रष्टाचार में संलिप्तता के आरोप में तत्कालीन बीडीओ सरिता सिंह सहित एपीओ मनरेगा राजीव सिंह, लेखाकार अंजनी सोनकर, कंप्यूटर ऑपरेटर मनरेगा शहनवाज अहमद और लेखाकार मनरेगा राजकुमार पर कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि पीएम आवास और सीएम आवास में कर्मचारियों की मिली भगत से 24 लाख 76 हजार 9 सौ 91 रुपए की धनराशि को अन्यत्र खाते में भेज कर बंदर बांट किया गया है। इस मामले में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जांच के लिए संयुक्त विकास आयुक्त वाराणसी मंडल वाराणसी को स्वीकृति प्रदान की है। इसके अलावा बीडीओ सहित अन्य चार कर्मचारियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
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