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पहला बच्चा होने के बाद तीन साल तक अस्थायी साधनों का चुने विकल्प

हरिकेश यादव -संवाददाता (इंडेविन टाइम्स)

अमेठी।

परिवार नियोजन के आठ प्रमुख साधन हैं, जो पूरी तरह सुरक्षित  हैं । इन साधनों में से दम्पति कोई भी मनपसंद साधन अपना सकते हैं । उक्त जानकारी मुख्य   चिकित्सा अधिकारीडॉ आशुतोष कुमार दुबे ने दी । उन्होने बताया कि नव दम्पति जब तक बच्चा न चाहें तब तक अस्थायी साधनों का प्रयोग कर सकते हैं, खासकर जब तक महिला की उम्र 20 वर्ष न हो जाए गर्भधारण नहीं करना चाहिए । पहला बच्चा होने के बाद तीन साल तक अस्थायी साधनों का विकल्प चुना जा सकता है । गर्भसमापन या गर्भपात के बाद भी छह माह तक परिवार नियोजन का साधन अपनाना चाहिए  ।

उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन साधनों के लिए चिकित्सक, स्टॉफ नर्स और परिवार नियोजन काउंसलर की मदद ली जा सकती है । साधन सभी स्वास्थ्य केंद्रों से निःशुल्क प्राप्त किया जा सकता है । परिवार नियोजन के स्थायी साधन यानि नसबंदी को पुरुष और महिलाएं दोनों अपना सकते हैं । उन पुरुषों को नसबंदी करवानी चाहिए जो शादी-शुदा हों और जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम हो । उनके पास कम से कम एक बच्चा होना चाहिए जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पुरुष नसबंदी तभी करवानी चाहिए जब पत्नी ने नसबंदी न करवाई हो । पुरुष नसबंदी कभी भी करवाई जा सकती है ।

एसीएमओ और नोडल अधिकारी आरसीएच डा नवीन मिश्रा ने बताया कि महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन के भीतर, माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर और गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर करवाई जा सकती है । वह महिलाएं इस साधन को अपना सकती हैं जिनकी उम्र 22 वर्ष से अधिक और 49 वर्ष से कम हो । दम्पत्ति के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पति ने पहले नसबंदी न करवाई हो और सुनिश्चित कर लें कि महिला गर्भवती न हो और प्रजनन तंत्र में संक्रमण न हो । महिला की सहमति भी नितांत आवश्यक है।

गर्भनिरोधन के छह अस्थायी साधन :

• आईयूसीडी को माहवारी के शुरू होने के 12 दिन के अंदर या असुरक्षित यौन संबंध के पांच दिन के अंदर अपना सकते हैं । यदि लाभार्थी के पेडू में सूजन, एड्स या यौन संचारित संक्रमण का खतरा हो, यौनि से असामान्य रक्तस्राव हो, ग्रीवा, गर्भाशय या अंडाशय का कैंसर हो तो यह साधन नहीं अपनाया जाना चाहिए ।

• प्रसव के बाद पीपीआईयूसीडी 48 घंटे के अंदर या प्रसव के छह सप्ताह बाद लगवायी जा सकती है । पानी की थैली (झिल्ली) फट जाने के 18 घंटे बाद प्रसव होने की स्थिति में, प्रसव पश्चार बुखार एवं पेटदर्द होने पर, योनि से बदबूदार स्राव या प्रसव के पश्चात अत्यधिक रक्तस्राव होने पर यह साधन नहीं अपनाया जाना चाहिए । गर्भपात होने के बाद तुरंत या 12 दिन के अंदर इसे अपना सकते हैं, बशर्ते आईयूसीडी संक्रमण या चोट न लगा हो ।

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