नई दिल्ली।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने भुगतान गेटवे से जुड़े फर्जी मोबाइल फोन एप्लिकेशन के माध्यम से भोले-भाले जमाकर्ताओं को धोखा देने के मामले में धनशोधन जांच के तहत 40.64 करोड़ रुपये की धनराशि कुर्क की है। इसमें कहा गया है कि कुर्क की गई रकम धनशोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के अनुसार बैंक जमा और भुगतान समाधान प्रदाताओं के पास रखी गई राशि के रूप में है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कथित धोखाधड़ी गिरोह में शामिल एक कारोबारी की पहचान या भुगतान गेटवे की पहचान का खुलासा नहीं किया। ईडी ने एक बयान में कहा कि उसका मामला बेंगलुरु पुलिस के साइबर अपराध प्रकोष्ठ की एक जून की प्राथमिकी पर आधारित है।
एजेंसी ने कहा, “(पुलिस) प्राथमिकी में, यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी संस्थाओं ने दैनिक या साप्ताहिक आधार पर ब्याज भेजने का आश्वासन देकर जनता को पावरबैंक और सनफैक्ट्री एप्लिकेशन (मोबाइल फोन पर) के माध्यम से निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
आरोपी संस्थाओं ने भोले-भाले लोगों से बड़ी रकम इकट्ठा करने के बाद अपना कथित कारोबार बंद कर दिया।” इसमें कहा गया है कि आरोपियों ने निवेशकों को न तो ब्याज का भुगतान किया और न ही मूल राशि वापस की और इन “धोखाधड़ी” वाले मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उनका धन रख लिया।