नई दिल्ली।
रक्षा विकास एवं अनुसंधान संगठन ने ओडिशा में बालासोर तट पर एक लंबी रेंज के सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो का सफल परीक्षण किया। डीआरडीओ ने कहा कि इस प्रणाली को पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है जो पारंपरिक टॉरपीडो की रेंज से कहीं अधिक हैं।
यह एक तरह की सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल है। इसके साथ एक कम वजन का टॉरपीडो लगा है जो पेलोड की तरह इस्तेमाल होता है। दोनों मिलकर इसे एक सुपरसोनिक एंटी-सबमरीन मिसाइल बना देते हैं। इसमें मिसाइल के फीचर्स भी मिलेंगे और पनडुब्बी नष्ट करने की क्षमता भी। पूरी तरह तैयार होने पर इसकी रेंज 650 किलोमीटर होगी।
इतनी ज्यादा रेंज वाली प्रणाली की मौजूदगी भारतीय नौसेना को दुनिया की सबसे खतरनाक नौसेनाओं की सूची में और ऊपर पहुंचा देगी। उल्लेखनीय है कि देश के पास वरुणास्त्र नामक एक पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो पहले से है जो जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) की मदद से अपने लक्ष्य को भेद सकता है। स्मार्ट इसकी तुलना में काफी हल्का है।