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गणतंत्र दिवस: राजपथ पर दिखेगा 1971 की जीत का जश्न, एयरफोर्स दिखाएगी ऐतिहासिक झांकी

नई दिल्‍ली

इस साल राजपथ पर 1971 भारत-पाकिस्‍तान युद्ध की जीत का जश्‍न दिखेगा। सेना के तीनों अंगों ने पूरी तैयारी कर ली है। सबकी झांकियों में 1971 की जंग के गौरवशाली पल को रीक्रिएट किया जाएगा। पहली बार राजपथ के ऊपर कुल 75 विमान उड़ान भरेंगे जिनमें राफेल, सुखोई-30s, जगुआर, C-130J, Mi-35, MiG-29K और P-8I जैसे एयरक्राफ्ट शामिल हैं। फ्लाइंग डिस्‍प्‍ले भारत के गणतंत्र दिवस की परेड की सबसे प्रमुख गतिविधियों में से एक है।

तगैल एयरड्रॉप: पैराट्रूपर्स का सबसे बड़ा ऑपरेशन

परेड के दौरान तंगैल फॉर्मेशन का प्रदर्शन होगा। इसमें एक विंटेज डकोटा एयरक्राफ्ट को दो डॉर्नियर 228 एयरक्राफ्ट के साथ दिखाया जाएगा। ढाका के उत्‍तर में स्थित तंगैल में भारतीय पैराट्रूपर्स ने अपने सबसे बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया था। तंगैल एयरड्रॉप की बदौलत पाकिस्‍तान सेना के आत्‍मसमर्पण का स्‍टेज सेट हुआ। हमारे जवानों ने अपने से तीन गुना ज्‍यादा संख्‍या में मौजूद पाकिस्‍तानी सैनिकों को मात दी और ढाका को बचाने का उनका हौसला तोड़ दिया। पूरे मिशन की कहानी आपको बताते हैं।

11 दिसंबर 1971 : जब आसमान से उतरे जांबाज

इस मिशन का मकसद था जमालपुर-तंगैल-ढाका रोड पर बने पूंगली ब्रिज पर कब्‍जा करना। साथ ही लूहाजांग नदी पर भी नजर रखनी थी। दरअसल पाकिस्‍तान सेना की एक टुकड़ी उत्‍तर से ढाका की ओर लौट रही थी। पैराशूट रेजिमेंट की 2nd बटालियन को जिम्‍मा सौंपा गया जिसकी अगुवाई ले. कर्नल कुलदीप सिंह पन्‍नू कर रहे थे। मिशन में करीब 750 सैनिक हिस्‍सा लेने वाले थे। भारतीय वायुसेना के 52 विमान, लगभग पूरी फ्लीट इस ऑपरेशन का हिस्‍सा बनी।

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